जमीयत उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना महमूद मदनी ने सपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इल्जाम लगाया कि पार्टी ने इलेक्शन के वक्त मुसलमानों को उनकी आबादी के हिसाब से रिजर्वेशन, रंगनाथ मिश्रा और सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया था।
लेकिन हुकूमत में आने के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने वादे पूरे न कर मुसलमानों को धोखा देने का काम किया है। अगर वे वादे पूरा नहीं कर सकते तो आखिरकार करते क्यों हैं।
मौलाना मदनी ने सपा हुकूमत को उसके चुनावी वादों की याद दिलाई। उन्होंने सहाफि से कहा कि बेहतर कानूनी इंतजाम और डेवलपमेंट के मामले में सूबे की हुकूमत पूरी तरह से फेल हो चुकी है।
जिन जगहों पर डेवेलपमेंट की जरूरत है, उसे नजरअंदाज कर कुछ खास इलाकों में डेवेलपमेंट का ढिंढोरा पीटा जा रहा है।उन्होंने कहा कि दहशतगर्द के झूठे इल्जाम में जेल में बंद बेगुनाहों की रिहाई का वादा कर सपा हुकूमत दरअसल बसपा हुकूमत में अपनी पार्टी लीडरों पर लगे केस हटवाने का काम कर रही है।
मौलाना ने कहा कि साल 2012 के इलेक्शन के वक्त किया गया एक भी वादा सपा सरकार ने पूरा न कर धोखा देने का काम किया है।सरकार के पास अभी वक्त है, अगर वादे पूरे नहीं किए गए तो जमीयत हुकूमत के खिलाफ तहरीक चलाने को मजबूर होगी।