8 तारीख को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से खुद को अलग कर दिया था, जिसके बाद सऊदी अरब , इजराइल और अन्य एक दो देशों ने अमेरिका का समर्थन किया था तो वहीं रूस जैसे देशों ने अमेरिका का साथ नहीं दिया।
आरटी वेबसाइट से वर्ल्ड न्यूज अरेबिया को मिली खबरों के अनुसार अमेरिकी सहयोगी सऊदी अरब ने कहा है की यदि यह क्षेत्रीय दुश्मन ईरान एक हथियार कार्यक्रम के विकास को बढ़ाता है तो सऊदी अरब भी अपने परमाणु बम का निर्माण करेगा। सऊदी देश ने तेहरान के साथ परमाणु समझौते को खत्म करने के लिए वाशिंगटन के फैसले का स्वागत किया।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री अल-जुबेर ने कहा हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि ईरान परमाणु क्षमता प्राप्त करता है तो हम भी ऐसा करने के लिए सब कुछ कर सकते हैं।
उन्होंने कहा की “हम ईरान परमाणु समझौते से संयुक्त राज्य अमेरिका के पीछे हटने के फैसले का समर्थन करते हैं और इस फैसले का स्वागत करते हैं और खतरों को दूर करने के लिए अपने भागीदारों के साथ काम करना जारी रखते हैं।
वर्ल्ड न्यूज अरेबिया को मिली खबरों के अनुसार जब सऊदी विदेश मंत्री से पूछा गया कि सऊदी अरब क्या करेगा? तो जुबेर ने कहा, हम अपने लोगों की रक्षा के लिए कुछ भी करेंगे, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि ईरान परमाणु क्षमता प्राप्त करता है, तो हम भी ऐसा करने के लिए सब कुछ कर सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग किया है। बराक ओबामा के कार्यकाल में किए गए इस समझौते से अलग होते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे अप्रासंगिक और बेकार करार दिया। ट्रंप ने कहा, ‘‘ मेरे लिए यह स्पष्ट है कि हम ईरान के परमाणु बम को नहीं रोक सकते।
ईरान समझौता मूल रूप से दोषपूर्ण है। इसलिए, मैं आज ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने की घोषणा कर रहा हूं। इसके कुछ क्षण बाद उन्होंने ईरान के खिलाफ ताजा प्रतिबंधों वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये और देशों को ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर उसके साथ सहयोग करने के खिलाफ चेताया।