अजमेर दरगाह बम विस्फोट मामला : 8 मार्च को सुनाया जाएगा फैसला

जयपुर। एनआईए की विशेष अदालत अजमेर दरगाह बम विस्फोट मामले में अपना फैसला आठ मार्च को सुनाएगी। इस मामले में स्वामी असीमानंद समेत देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवे, मुकेश वसानी, भारत मोहन रतेश्वर, लोकेश शर्मा और हर्षद सोलंकी पर मुकदमा दर्ज है। मामले में छह फरवरी को अंतिम बहस पूरी हो गई थी।

 

सरकारी वकील के अनुसार विशेष अदालत ने कुछ स्पष्टीकरणों के चलते फैसला टाल दिया है। इस मामले में 149 लोगों की गवाही हुई जिसमें झारखंड के एक मंत्री भी शामिल हैं। वहीं 451 दस्तावेज पेश किए गए। प्रकरण में मात्र 13 गवाह पक्षद्रोही हुए थे। मामले में चार आरोप पत्र दाखिल किए गए थे। गौरतलब है कि 1 अक्टूबर 2007 को हुए इस धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 17 से अधिक लोग घायल हो गए थे। 2011 में इस केस को एनआईए को सौंप दिया गया था।

 

उसके बाद एनआईए ने आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें असीमानंद को मास्टरमाइंड बताया गया था। इस केस में तब एक नया मोड़ आ गया था जब गवाह भावेश पटेल ने तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह समेत कई कांग्रेसी नेताओं पर यह आरोप लगाया था कि वे लोग आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और इंद्रेश कुमार को फंसाने का उस पर दवाब डाल रहे हैं।