फैसल फरीद
लखनऊ: आज पहली बार किसी शिया मौलाना ने दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर में तकरीर की और शिया-सुन्नी एकता पर जोर दिया. शिया सम्प्रदाय के धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने अजमेर दरगाह में लोगों को संबोधित किया.
मौलाना जव्वाद के कार्यालय द्वारा बताया गया की अजमेर शरीफ की मारूफ ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर मजलिसे ओलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कलबे जवाद नकवी ने पहली बार एहाताए नूर में गुरुवार को मजलिसे उज्जा को संबोधित किया। मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी दरगाह के सेवक यामीन हाशमी द्वारा आयोजित किए गए एक मजलिस के कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। मजलिस में दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज के तमाम खादिमों और अन्य शिया व अहले सुन्नत सम्प्रदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
संबोधन के दौरान मौलाना कलबे जवाद नकवी ने शिया व सुन्नी एकता के महत्व को समझाया और मुसलमानों को एकजुट होने के लिये आमंत्रित किया। मौलाना ने कहा कि शिया व सुन्नी एकता समय की मुख्य जरूरत है। साथ ही ऐसे लोगों से भी सावधान रहें जो मुसलमानों के भेष में आईएसआईएस के समर्थक हैं। मौलाना ने कहा कि पुरी दुनिया में हो रहे मुसलमानों के नरसंहार पर किसी एक मौलवी का बयान तक नहीं आता मगर जब अमेरिका और अन्य देशों में हमले होते हैं तो सभी मुसलमान मौलवी बयान देते हैं। ज़ुल्म कहीं भी हो और किसी पर हुआ हो हम उसकी निंदा करते हैं मगर ये दोहरा रवैय्या भी निंदनीय है।
मौलाना ने कहा कि इस समय दुनिया में हर जगह मुसलमानों का नरसंहार किया जा रहा है मगर मुसलमान मूक दर्शक बने हैं। ऐसे लोगों से बचना बहुत जरूरी है जो एकता के नाम पर धोखा देते हैं। अपने हितों को पाने के लिये एकता बहुत जरूरी है।
अजमेर शरीफ के एहाताए नूर में पहली बार किसी शिया धर्मगुरू ने तकरीर की है। मौलाना सैयद हसनैन बकाई ने बताया कि अजमेर शरीफ की खानकाह के सभी खादिमों ने मौलाना कल्बे जवाद नकवी का भव्य स्वागत किया और मजलिस में भाग लिया।
मौलाना के साथ मौलाना सैयद हसनैन बकाई उप सज्जादा नशीन खानकाहे बकाई सफीपूर भी थे। उन्होंने भी इमाम हुसैन अ0स0 के फजायल व मनाकिब बयान किए और मजलिस को संबोधित किया।