जयपुर, 25 सितंबर(यू एन आई) अजमेर शरीफ़ की दरगाह में बम धमाका की तफ़तीश करनेवाली क़ौमी तफतीशी एजैंसी (एन आई ई) नीधमाका में मुलव्वस एक वाअदा माफ़ गवाह के अपने ब्यान से मुनहरिफ़ होजाने के बाद, इस मुआमले में पूछगछ वक़्ती तौर पर रोक दी है। सिंह परिवार के कई ओहदेदारों परइस धमाका में मुलव्वस होने का इल्ज़ाम है। मुल्ज़िम रतीशोर शाह के वकील जगदीश राना ने अदालत से कहा कि तफतीशी एजैंसी को रतीशोर के वुकला को मतला किए बगै़र ही इस से पूछगिछ की इजाज़त दे दी गई थी।मिस्टर राना ने आज अदालत को बताया कि इन आई ए ने मेरे मुवक्किल से जेल में पूछगिछ के लिए 19 सितंबर को अदालत में दरख़ास्त दी थी। चूँकि वकील दिफ़ा मौजूद नहीं था इस लिए अदालत ने इस की ग़ैरमौजूदगी में यकतरफ़ा फ़ैसला सुनाते हुए एजैंसी को पूछगिछ की इजाज़त दे दी थी।उन्हों ने कहा कि इन आई ए य ने रतीशिवरको एक और अहम मुल्ज़िम और सिंह परिवार के ओहदेदार स्वामी असीमानंद के ख़िलाफ़ वाअदा माफ़ गवाह बनने के लिए मजबूर किया।वलसाड से ताल्लुक़ रखने वाला रितेश अब मुनहरिफ़ होगया है और राजिस्थान ए टी इसका गवाह बनने से इनकार करदिया है। इस ने इस से क़बल धमाका के कुछ दीगर मुल्ज़िमीन बिशमोल आर ऐस ऐस लीडर इंद्रेश कुमार के ख़िलाफ़ एक अदालत में ब्यान रिकार्ड किराया था।ख़्याल रहे कि 2007 मैं रमज़ान उल-मुबारक के दौरान अजमेर शरीफ़ की दरगाह में धमाका होने से तीन लोगों की मौत होगई थी।