हैदराबाद 31 अगस्त: हैदराबाद हाईकोर्ट के कारगुज़ार जस्टिस दिलीप बाबा भोसले ने इतवार को ऑल इंडिया जोडीशील एम्प्लाइज कन्फेडरेशन की क़ौमी कांफ्रेंस का इफ़्तेताह करते हुए कहा कि अदलिया की मजाज़ अथॉरीटी अपने स्टाफ़ के तमाम मुंसिफ़ाना मुतालिबात की यकसूई पर खुला ज़हन रखती है और मुलाज़िमीन की मेहनत और दिलचस्पी को तस्लीम करती है।
जस्टिस दिलीप बाबा साहिब ने इस कांफ्रेंस से ख़िताब के दौरान कहा कि मैं आपसे ये कहना चाहता हूँ के मुक़द्दमात के फ़रीक़ैन की तवक़्क़ुआत पर पूरा उतरना आप के लिए किस हद तक लाज़िमी है जब वो उम्मीद के साथ आपके पास पहुंचते हैं जिस दिन आप आम आदमी के एतेमाद से महरूम होजाएंगे तो ये नराज-ओ-अफ़रा-तफ़री की शुरूआत होगी।
जस्टिस दिलीप बाबा साहिब ने कहा कि मुलाज़िमीन अदलिया के मुतालिबात की यकसूई के लिए कोई कसर बाक़ी नहीं रखी जाएगी इस बात का मैं वादा करता हूँ। इस मौके पर कन्फेडरेशन के सदर शकील अहमद मुईन ने शहि नशीन पर मौजूद अदलिया के अर्बाब मजाज़ को याद दिलाया कि अदलिया के मुलाज़िमीन ही तमाम फ़ैसले और अहकाम तैयार करते हैं।
उन्होंने इस बात पर अफ़सोस किया कि चंद एसी मिसालें हैं जिन में मुक़द्दमा के फ़रीक़ैन को फ़ैसले की एक नक़ल हासिल करने के लिए कई हफ़्ते दरकार होते हैं।
मुईन ने कारगुज़ार चीफ़ जस्टिस के अलावा जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस जी चुन्दरिया पर-ज़ोर दिया कि वो मुलाज़िमीन अदलिया के 2013 से ज़ेर तसफ़ीया बक़ायाजात की 31 दिसंबर 2015 तक इजराई को यक़ीनी बनाए ।