अनवर इबराहीम की बरात (बरी होना)मलाएशयाई अदलिया की आज़ादी का सबूत

कवालमपुर । 11 जनवरी (पी टी आई) वज़ीर-ए-आज़म मलाएशया नजीब तन रज़्ज़ाक़ ने कहा कि अप्पोज़ीशन लीडर अनवर इबराहीम की हमजिंस परस्ती मुक़द्दमा से साबित होगया है कि हुकूमत पर सयासी मुदाख़िलत के जो इल्ज़ामात आइद किए जा रहे थे, वो बेबुनियाद हैं और ये कि मुल्क का अदलिया आज़ाद है। कवालमपुर हाइकोर्ट में अनवर इबराहीम की बरात पर मुल़्क की बरसर-ए-इक़तिदार और अप्पोज़ीशन दोनों हैरतज़दा होगए हैं क्योंकि ये एक ग़ैर मुतवक़्क़े फ़ैसला है।

वज़ीर-ए-आज़म नजीब ने कहा कि ये साबित होगया हैकि इन्साफ़ रसानी पर ना तो सियासत और ना सियासतदानों का कोई असर-ओ-रसूख़ है। उन्हों ने अपने ब्यान में कहा कि ये फ़ैसला हुकूमत के हर शोबा के इख़्तयारात अलहदा होने के इद्दिआ को तक़वियत देता है और साबित करता है कि कोई भी शोबा दीगर शोबा की कारकर्दगी में दख़ल अंदाज़ी नहीं करता। नजीब ने कहा कि बहैसीयत सरबराह आमिला वो हुकूमत के दूसरे शोबा अदलिया के फ़ैसलों का एहतिराम करते हैं।

ये मुक़द्दमा सयासी मफ़ादात पर मबनी होना तो दौर की बात है, ये मुल्क के उमूर मलाएशयाई अवाम के फ़सादाद के मुताबिक़ चलाने के संजीदा काम से तवज्जा हटाने की नागवार कार्रवाई थी।तजज़िया निगारों का एहसास है के अगर अनवर इबराहीम को मुजरिम क़रा दिया जाता तो नजीबा ज़ेर-ए-क़ियादत बारीसान नैशनल पार्टी इत्तिहाद पर दबाव होता क्योंकि क़ाइद अप्पोज़ीशन मुल्क गीर मुहिम पर रवाना हो जाते और अपने हरीफ़ों को ज़ालिम और बे इंसाफ़ ज़ाहिर करते।