अनीसुल ग़ोरबा में यतीम बच्चों के लिये दावत, एक माह के लिये बुक

दीन-ए-इस्लाम में यतीम-ओ-यसीर से मुहब्बत-ओ-सिला रहमी का सुलूक करने की हिदायत दी गई है । क़ारईन, शहर में 91 साला क़दीम यतीम ख़ाना अनीसुल ग़ोरबा है नामपली में वाक़ै इस यतीम ख़ाना में जिसे 1921 में एक ख़ुदातरस शख्सियत ख़्वाजा बदरुद्दीन चिशती मरहूम ने क़ायम किया है फ़िलवक़्त 80 यतीम-ओ-यसीर लड़के लड़कियां मुक़ीम हैं जिन में 34 लड़के और 46 लड़कियां शामिल हैं ।

इन 80 बच्चों में से 70 लड़के लड़कियां पाबंदी से रोज़ों का एहतिमाम करते हैं बक़ीया 10 कमउमर होने के बाइस रोज़े नहीं रखते । इन बच्चों को जिन की उम्र 6 साल से लेकर 14 साल तक है । अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल में तालीम दिलाई जा रही है ।

ख़ुशी की बात ये है कि शहर के चंद हमदरदाने मिल्लत इस माह-ए-मुबारक में अल्लाह की रहमतों , बरकतों और नेअमतों का हक़दार बनने के लिये इदारा अनीसुल ग़ोरबा में इफ़तार के बाद खाने का माक़ूल बंद-ओ-बस्त किया है ।

राक़िमुल-हरूफ़ ने ये सोच कर कि आख़िर अनीसुल ग़ोरबा के यतीमों का क्या हाल है ? रमज़ान उल-मुबारक में उन के लिये किए जाने वाले इंतिज़ामात का जायज़ा लेने वहां पहुंचा जिस पर पता चला कि माह स्याम की आमद से 5 यौम क़बल ही चंद अस्हाबे ख़ैर ने सारे माह के लिये बच्चों के लिये खाने की फ़राहमी की इजाज़त हासिल करली है ।

जब कि इस कारे ख़ैर में हिस्सा लेने के ख़ाहां कई अफ़राद को मायूस लौटना पड़ा इस लिये कि यतीमों-ओ-यसीरों को इफ़तार के बाद खाने की फ़राहमी के लिये बाज़ाबता तौर पर बुकिंग की जाती है । और कुछ हज़रात एसे हैं जो हर साल कुछ दिन अपनी जानिब से इन बच्चों के लिये खाने का बंद-ओ-बस्त करते हैं।

बाद इफ़तार इन मासूम रोज़े दारों की कभी हलीम तो कभी बिरयानी , बघारा खाना , क़ुर्मा और रोटी और किसी दिन दूसरी लज़ीज़ ग़ज़ा से ज़ियाफ़त की जाती है । बाअज़ मर्तबा उन्हें मीठे भी दीए जाते हैं।

हमें इस बात का भी पता चला कि रमज़ान उल-मुबारक के इबतिदाई 13 दिन में 25 किलो चावल के 80 थैले मुख़्तलिफ़ हमदरदाने मिल्लत इस यतीम ख़ाने को पहुंचाए कुछ एसे लोग भी हैं जो बकरे हवाले कर जाते हैं।

वाज़ेह रहे कि उनीसुल ग़ोरबा में तरावीह का भी इंतिज़ाम किया गया है । हमें यक़ीन है कि हर रोज़ खाना खाने के बाद ये मासूम बच्चे जहां बारगाह रबब्ल इज़्जत में शुक्र बजा लाते हैं वहीं उन की मदद करने वालों के लिये भी दाएं ज़रूर करते होंगे ।।