हेमंत सोरेन हुकूमत के कैबिनेट का पहले तौसिह में छह एमलए को जहां वज़ीर बनने का मौका हाथ लगा है, वहीं कांग्रेस, झामुमो और राजद के कई ऐसे एसेंबली रुक्न हैं, जिनके अरमान पर पानी फिर गया है। फिलहाल चुप हैं। इनके मन-मिजाज अपनी हुकूमत के ताईन बदल गये हैं और दूरी बनानी शुरू कर दी है।
इतवार को राजभवन में मुनक्कीद हलफ बरदारी तकरीब के दौरान यह सब कुछ दिखा। कांग्रेस, राजद और झामुमो के कई एमएलए दारुल हुकूमत में ही थे, लेकिन राजभवन नहीं पहुंचे।
वहीं कुछ एम एल ए अपने इलाक़े में डेरा जमाये रहे। फिलहाल इनकी जुबान बंद हैं और अपनी नाराजगी जग जाहीर करने से बच रहे हैं, लेकिन आनेवाले दिनों में इत्तेहाद पार्टियों के अंदर रंजिश बढ़ेगी, इसकी पूरी इमकान दिख रही है। ऐसी इत्तेला है कि कैबिनेट में जगह नहीं पर ये एम एल ए जल्द ही मोरचा खोलेंगे।