नई दिल्ली।:हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन राष्ट्रों का दौरा किया। देश और दुनिया भर में प्रधानमंत्री के रूस, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के दौरे को कई माएने में एतिहासिक बताया गया। इन तीन राष्ट्रों के दौरे को देखा जाए तो बहुत कम लोगों ने इस बात पर गौर किया की प्रधानमंत्री ने रूस जाने के लिए एयर इंडिया वन का इस्तेमाल किया था जबकि मॉस्को से अफगानिस्तान के लिए मोदी ने भारतीय वायु सेना के 46 सीट वाले जहाज एच 11 (राजदूत) से उड़ान भरी ।
प्रधानमंत्री ने मॉस्को में क्यों बदला विमान
दरसल भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयर इंडिया वैन जो की बोइंग 747 मॉडल, से उड़ान भरा था इस विमान में सुरक्षा के लिहाज से एंटी मिसाइल (विमान की तरफ बढ़ने वाले मिसाइल की सूचना) तकनीक नहीं लगी है, जबकि अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों ही राष्ट्र आतंकवाद की समस्या से जूझ रहें है, जिसको देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।
क्या है इस विमान की खासियत
बोइंग 737 के इस विमान को भारतीय वायुसेना के अंतरगर्त राजदूत के नाम से जाना जाता है। इस विमान में केवल देश के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ सुरक्षा सलाहकार उड़ान भरते है। 2009 में इस विमान को भारतीय वायु सेना इसे सम्मलित किया गया था। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा इससे बनाया गया। भारतीय रुपए के अनुसार इसकी कीमत करीब 200 करोड़ रुपए है। इस विमान की सबसे बड़ी खासियत है की किसी मिसाइल हमले की जानकारी आसानी से देता है, वहीँ कोई भी राडार इसको कैच नही कर सकता।