पटना में गांधी मैदान के बाहर भगदड़ में 33 लोगों की हुई मौत के मामले में पुलिस ने सनिचर की देर रात नामालुम लोगों के खिलाफ सनाह दर्ज करायी. गांधी मैदान थाने में दर्ज की गयी सनाह में कहा गया है कि भीड़ के बेकाबू होने की असल वजह बिजली तार गिरने को बताया गया है. यह जानकारी सीनियर एसपी मनु महराज ने दी. पुलिस ने वाक़िया के मुतासिर व कई चश्मदीदों के बयान कि बुनियाद पर यह सनाह दायर की है. पुलिस इस हादसे के पीछे साजिश के नुक़्तो को सामने रख कर छानबीन कर रही है. हालांकि दूसरी तरफ हादसे को लेकर पुलिस-इंतेज़ामिया की किरदार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
मौके पर भीड़ को कंट्रोल करने, उसे मैदान से बाहर निकालने की कोई मंसुबा नहीं होना भी हादसे की अहम वजहों में से एक माना जा रहा है.
इधर, हुकुमत ने एड्मिनिस्ट्रेशन तहक़िकात की एलान कर दी और तहक़िकात अफ्सर दाखला सेक्रेट्री आमिर सुबहानी और एडीजी हेड क़्वार्टर गुप्तेशवर पांडेय ने सनिचर को अपनी तहकीकात शुरू कर दी. दोनों अफसरान ने ज़ाये हाद्सा का मुआयना किया और आयनी शाहेदीन से इब्तेदायी पूछताछ की. इत्वार को दोनों अफसर गांधी मैदान की हिफाज़त में तैनात ओह्देदारो की गवाही दर्ज करेंगे. चीफ सेक्रेट्री अंजनी कुमार सिंह ने देर रात कहा कि तीन से चार दिनों में तह्क़िक़ात अफसर अपनी रिपोर्ट हुकुमत को सौंप देंगे.
आयनी शाहेदीन के मुताबिक गांधी मैदान के अंदर करीब दो लाख की भीड़ और निकलने का इंतेज़ाम नहीं होने कि वज़ह से भगदड़ की हालत बन गयी और एक पर एक 32 लोग गिरते गये, भीड़ उन्हें रौंदते निकल गयी. एक बच्चे की मौत पीएमसीएच में इलाज के दौरान हो गयी. वाक़िया के आयनी शाहेदीन के मुताबिक रावण जलाने का प्रोग्राम खत्म होते ही गांधी मैदान के मशरीक़ि दरवाजे से वज़िरे आला का काफिला निकलनेवाला था. वज़िरे आला को फ्रेजर रोड होते हुए बाइपास के रास्ते गया के लिए रवाना करना था.
इधर, रियासति हुकुमत की तरफ से अब तक 30 मरने वालो के अहलेखाना को तीन-तीन लाख रुपये का चेक दे दिया गया है, जबकि जख्मियो को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे कि तक़्सीम शुरू किया गया. वहीं वज़िरे आज़म खज़ाने से भी तमाम मरने वालो के अहले खाना को दो-दो लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है. मर्क़ज़ी दाख्ला वज़ीर ने इस सिलसिले में रियासति हुकुमत से रिपोर्ट मांगी है.