अबू सालिम को जाली पासपोर्ट मुक़द्दमा में 7 साल सज़ाए क़ैद

ख़ुसूसी सी बी आई अदालत ने गैंगस्टर अबू सालिम को जाली पासपोर्ट मुक़द्दमा में 7 साल क़ैद बामुशक़क़्त की सज़ा सुनाई।

तीसरे स्पेशल कोर्ट जज बराए सी बी आई मुक़द्दमात एमवी रमना नायडू ने 18 नवंबर को अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सालिम को ताअज़ीरात-ए-हिंद की मुख़्तलिफ़ दफ़आत के तहत मुजरिम क़रार दिया था क्यूंकि इस ने फ़र्ज़ी नाम और पता पर ज़िला करनूल से पासपोर्ट हासिल क्या।

अबू सालिम को ताअज़ीरात-ए-हिंद की दफ़आत के तहत मुजरिमाना साज़िश और धोका दही का मुजरिम क़रार देते हुए 7 साल क़ैद बामुशक़क़्त और हर इल्ज़ाम पर फी कस एक हज़ार रुपये जुर्माना आइद किया गया।

इस के अलावा अबू सालिम को धोका दही के मक़सद से जालसाज़ी के इल्ज़ाम पर भी मुजरिम क़रार देते हुए एक साल क़ैद बामुशक़क़्त और एक हज़ार रुपये जुर्माना की सज़ा सुनाई।

इन तमाम सज़ावें पर एक साथ अमल होगा। सी बी आई के सीनीयर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर टी वी रमना ने बताया कि इस मुक़द्दमा में अबू सालिम पहले ही तक़रीबन 6 साल क़ैद की सज़ा काट चुका है।

आज जिस वक़्त फ़ैसला सुनाया गया ,अबू सालिम अदालत में मौजूद था। इस फ़ैसले के बाद उसे जेल हुक्काम मुंबई वापिस ले गए।

अब्बू सालिम ने 2001 में बाअज़ सरकारी ओहदेदारों और ख़ानगी अफ़राद से गठजोड़ करते हुए हैदराबाद रीजनल पासपोर्ट ऑफ़िस में जाली दस्तावेज़ात पेश किए और फ़र्ज़ी शनाख़्त ज़ाहिर करते हुए पासपोर्ट हासिल क्या।

इस ने जुमला 3 पासपोर्टस एक अपनी पहली बीवी समीरा ज़ूमानी और एक अपने साथी-ओ-फ़िल्म अदाकारा मोनीका बेदी के अलावा ख़ुद अपने लिए एक पासपोर्ट हासिल किया था।

अबू सालिम और मोनीका बेदी को पुर्तगाल में गिरफ़्तारी के बाद 2005 में हिंदुस्तान के हवाले किया गया था। जाली पासपोर्ट मुक़द्दमा आंध्र प्रदेश पुलिस ने अक्टूबर 2002 में सी बी आई के हवाले किया और 2004 में 10 मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ चार्ज शीट पेश की गई । जुमला 7 मुल्ज़िमीन ने मुक़द्दमा का सामना किया जिन में 2 को बरी कर दिया गया और 3 मुल्ज़िमीन हनूज़ मफ़रूर हैं। इस दौरान वकील दिफ़ा ने कहा कि अदालत के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अपील दायर की जाएगी।