अबू ज़िंदाल को पहली बार 22 साल की उम्र में महाराष्ट्रा में 2003 में गिरफ़्तार किया गया था, इस पर एक ख़ातून को तलवार से हमला का इल्ज़ाम था जिस के ख़ानदान के साथ इसके पुराने झगड़े थे।
इस ने फ़हिमा शेख जलील पर तलवार से हमला कर के उसे नज़र-ए-आतिश करने ( जलाने) की भी कोशिश की थी। तहकीकात के मुताबिक़ ये हमला ख़ानदानी तनाज़ा का नतीजा था जो फ़हिमा और ज़बीह अली उद्दीन के ख़ानदानों में जहेज़ के सिलसिला में पैदा हुआ था और ये भी इन्किशाफ़ ( ज़ाहिर) हुआ है कि एक नामज़द मकोका अदालत ने इस का गिरफ़्तारी वारंट जारी किया था।
ये वारंट नामज़द मकोका अदालत ने महाराष्ट्रा ए टी एस की दरख़ास्त पर जारी किया था जिसे अबू ज़िंदाल हथियार ज़ख़ीरा ( संग्रह) करने के एक मुक़द्दमा में मतलूब था।