अब इस वजह से JDU – बीजेपी में घमासान!, संकट में गठबंधन?

2019 चुनाव से एक साल पहले बिहार एनडीए में सीटों को लेकर चल रही खींचतान जारी है। जेडीयू और बीजेपी के बीच बात बनती दिख नहीं रही है। जेडीयू जहां 25 सीटों की मांग कर रहा है, तो वहीं बीजेपी 22 सीटों से कम पर लड़ने को राजी नहीं है।

बावजूद इसके जेडीयू एनडीए के घटक दलों के बीच व्यापक समझौते की उम्मीद लगाए हुए है, ताकि 2019 के लोकसभा और 2020 में बिहार के विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्येक पार्टी की सीटों की हिस्सेदारी निर्धारित हो।

सूत्रों के मुताबिक जेडीयू चाहती है कि बीजेपी समय रहते हुए बिहार में एनडीए के सभी सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर पहल करे, ताकि चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरा जा सके. हालांकि बीजेपी की ओर से अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में जब जेडीयू और बीजेपी मिलकर दोनों चुनाव में लड़ने की इच्छा रखी थी। उस समय जेडीयू की सीटों का नंबर तय नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी पक्ष एक साथ बैठे और पार्टियों के सीट शेयर को ठीक करें। सभी सहयोगी दलों को उचित, निष्पक्ष और मौजूदा जमीनी राजनीति की हकीकत को समझते हुए फैसला किए जाएं।

बता दें कि 2014 के चुनाव में बीजेपी ने 22 पर जीत हासिल की थी। पार्टी पिछले लोकसभा चुनावों के परिणाम के आधार पर ही समझौता करना चाहती हैं।

बीजेपी की इस आधार को जेडीयू गलत मान रही है. जेडीयू ने कहा कि ये बात याद रखना होगा कि 2019 को 2014 न समझा जाए। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि “उप-चुनावों के नतीजे बताते हैं कि सार्वजनिक मनोदशा में बदलाव आया है।

उन्होंने कहा कि एनडीए को बिहार से 40 लोकसभा सीटों में से 31 मिलीं थी जो कि 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 173 पर जीत हासिल की थी। अकेले बीजेपी को 22 सीटें मिलीं।

सूत्रों के मुताबिक क्या इस नतीजों को दोहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जेडीयू ने केवल दो सीटें हासिल की थी। इस लिहाज से क्या हमें दो सीटों पर उम्मीदवार उतारने होंगे।