इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने हिन्दुस्तान पुरअम्न की कोशिशों को सुबू ताज करने और इल्ज़ाम आइद किया और कहा कि बाहमी मुज़ाकरात में मसाला-ए-कश्मीर को शामिल करने पर एतराज़ करते हुए इलाक़ाई सलामती और इस्तिहकाम को दाव पर लगाया जा रहा है। वज़ीर-ए-दाख़िला निसार अली ख़ां ने कहा कि इलाक़े में अमन के ताल्लुक़ से पाकिस्तान का वाज़िह नुक़्ता-ए-नज़र है।
हम अपने पड़ोसी ममालिक के साथ दोस्ताना ताल्लुक़ात के ख़ाहां है लेकिन दूसरी जानिब से इसी जवाबी जज़बे का इज़हार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने काह कि कश्मीरी क़ाइदीन के साथ मुशावरत पर एतराज़ बिलकुल ग़ैर वाजिबी है। गुज़िश्ता हफ़्ता हिंद - पाक रवाबित निचली सतह तक पहुंच गए थे क्योंकि इस्लामाबाद ने क़ौमी सलामती मुशीर सरताज अज़ीज़ को नई दिल्ली ना पहुंचने का फ़ैसला किया था।
क़ौमी सलामती मुशीर सतह के मुज़ाकरात को लम्हा आख़िर में मंसूख़ करना पड़ा और हिन्दुस्तानी हम मन्सब अजीत डोवल से मुलाक़ात ना हो सकी। इस्लामाबाद के पेश करदा एजंडे पर इख़तिलाफ़ात पैदा हो गए थे क्योंकि सरताज अज़ीज़ की कश्मीरी अलाहदगी पसंदों से मुलाक़ात का मन्सूबा तए किया गया था।
वज़ीर-ए-दाख़िला निसार अली ख़ान ने कहा कि हिन्दुस्तान किसी ना किसी बहाने अमन की कोशिशों को सुबू ताज करने की कोशिश कर रहा है जिससे इलाक़ाई सिक्योरिटी और इस्तिहकाम को ख़तरा लाहक़ है। उन्होंने कहा कि दोनों ममालिक के माबैन अमन के क़ियाम में मसला-ए-कश्मीर सबसे बड़ी रुकावट है।