अमरीकी यूनीवर्सिटीज़ को हिंदूस्तान में ख़ुसूसी मराआत नहीं

वाशिंगटन । 15 अक्टूबर (पी टी आई) वज़ीर फ़रोग़ इंसानी वसाइल कपिल सिब्बल ने अमरीकी तालीमी इदारों को आज वाज़ेह तौर पर ये इशारा दे दिया है कि हिंदूस्तान में क़ायम किए जाने वाले अमरीकी तालीमी इदारों को कोई ज़्यादा मराआत नहीं दिए जाऐंगे बल्कि उन्हें मुल्क में वाक़्य क़ौमी ख़ानगी तालीमी इदारों के मुताबिक़ ही तमाम मराआत हासिल रहेंगी, जिस से कोई तजावुज़ नहीं किया जाएगा। मिस्टर कपिल सिब्बल ने हिंद । अमरीकी तालीमी चोटी कान्फ़्रैंस के इख़तताम पर हिंदूस्तान के मौक़िफ़ का इज़हार किया। अमरीकी वज़ीर-ए-ख़ारजा हीलारी क्लिन्टन और मिस्टर सिब्बल ने इस कान्फ़्रैंस की मुशतर्का सदारत की। बादअज़ां मिस्टर सिब्बल ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि हिंदूस्तान में मुक़ामी ख़ानगी तालीमी इदारों से मुताल्लिक़ क़वानीन का बैरूनी तालीमी इदारों पर यकसाँ इतलाक़ होगा। इस में कोई इमतियाज़ी सुलूक नहीं किया जाएगा और ना ही कोई ग़ैरमामूली फ़वाइद या मराआत दी जाएंगी। उन्हों ने इस बात का एतराफ़ किया कि कोई भी बैरूनी तालीमीइदारा उस वक़्त तक हिंदूस्तान में दाख़िला नहीं लेगा तावक़त ये कि इस को भी कुछ फ़ायदा हासिल ना हो लेकिन ऐसे इदारों को चाहीए कि वो हिंदूस्तानी तलबा को बेहतर फ़वाइद पहुंचाने की ज़मानत दें और ये बात वाज़ेह हो जानी चाहीए कि ऐसे मौक़ों पर हम यक़ीन करते हैं कि इस से हमारे तलबा को फ़ायदा होगा। मिस्टर कपिल सिब्बल ने दोटूक अंदाज़ में कहा कि में नहीं समझता कि हिंदूस्तान में हॉवर्ड, सियोल और प्रिंस्टन जैसी यूनीवर्सिटीज़ हिंदूस्तान में अपने कैंपस क़ायम करेंगी। ऐसा होने पर मुझे शुबा है और ख़ुद में भी ये नहीं समझता कि हिंदूस्तान ऐसी तवक़्क़ो रखता है। मिस्टर सिब्बल और मस क्लिन्टन ने 2009-में शुरू करदा ओबामा । मनमोहन सिंह इक्कसवीं सदी के इलमी मुहर्रिकात केलिए शुरू करदा अमल में होने वाली पेशरफ़त पर इतमीनान का इज़हार किया। इन दोनों ने हिंद । अमरीकी साईंस-ओ-टैक्नोलोजी फ़ोर्म के लिए अपनी भरपूर ताईद का इआदा करते हुए कहा कि इस से तालीमी-ओ-तहक़ीक़ी शोबा में महारत के तबादले को फ़रोग़ हासिल होगा।