अमरीकी क़ौंसिलख़ाना की तामीर में पेशरफ़त का जायज़ा

अमरीकी सफ़ीर मुतय्यना हिंद रिचर्ड वर्मा ने चीफ़ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव‌ से मुलाक़ात की और बाहमी दिलचस्पी के उमोर पर तबादला-ए-ख़्याल किया।

दोनों क़ाइदीन ने बाहमी रवाबित को मुस्तहकम बनाने की ख़ाहिश ज़ाहिर की। उन्होंने गच्चीबाओली में तामीर किए जाने वाले अमरीकी क़ौंसिलख़ाना की पेशरफ़त का भी जायज़ा लिया। चंद्रशेखर राव‌ ने कहा कि तेलंगाना से ताल्लुक़ रखने वाले कई तलबा-ए-अमरीकी यूनीवर्सिटीज़ में ज़ेर-ए-तालीम हैं और तेलंगाना के कई अफ़राद अमरीका में बरसर रोज़गार हैं।

उन्होंने तेलंगाना में बर्क़ी की दस्तयाबी के बारे में इस्तिफ़सार किया, जिस पर अमरीकी सफ़ीर को बताया गया कि फ़िलहाल किसी क़दर बर्क़ी कमी पाई जाती है लेकिन अंदरून 2 ता 3 साल रियासत में फ़ाज़िल बर्क़ी होगी। अमरीकी सफ़ीर ने हिंदुस्तान में मर्कज़-ओ-रियासत ताल्लुक़ात के बारे में भी जानना चाहा और ये भी पूछा कि तरक़्क़ीयाती मंसूबों में रियासत को शामिल किया जाता है या नहीं? इस के जवाब में चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि तेलंगाना के मर्कज़ के साथ दोस्ताना रवाबित हैं और रियासती हुकूमत ने नीयती आयोग के क़ियाम का ख़ौरमक़दम किया है जिस का मक़सद रियासत की शिरकतदारी की हौसलाअफ़्ज़ाई करना है। के चंद्रशेखर राव‌ ने रिचर्ड वर्मा को मुख़्तलिफ़ शोबों में हुकूमत के तरक़्क़ीयाती इक़दामात से भी वाक़िफ़ किराया।