अयोध्या मसला ज़िंदा रखने की सियासी वजूहात

पटना: अयोध्या में राम मंदिर की तामीर के बारे में आर एस एस सरबराह मोहन भागवत के तबसरे पर शदीद रद्द-ए-अमल में चीफ़ मिनिस्टर बिहार नीतीश कुमार ने आज कहा कि बी जे पी को महेज़ सियासी मक़ासिद के लिए ये मसला ज़िंदा रखने से दिलचस्पी है। बी जे पी तो बस यही चाहती है कि राम मंदिर का मसला बरक़रार रखा जाये।

वो लार्ड राम के तईं एहतेराम का कोई एहसास नहीं रखते हैं, चीफ़ मिनिस्टर बिहार ने मीडिया के नुमाइंदों को ये बात बताई। वो आर एस एस सरबराह के इस बयान पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर कर रहे थे जिसमें इन्होंने अपनी ज़िंदगी में राम मंदिर की तामीर मुकम्मल होजाने की उम्मीद का इज़हार किया था।

नीतीश कुमार ने तुर्श तबसरे में कहा: वो लार्ड राम के साथ कुछ इस तरह बरताव‌ करते हैं जैसे कि भगवान रुकन बी जे पी हैं। वो ऐसा नारा लगाते हैं कि मंदिर वहीं बनाएंगे मगर तारीख़ नहीं बताएँगे, इन अलफ़ाज़ के साथ चीफ़ मिनिस्टर बिहार ने रिमार्क किया कि आख़िर ये किस किस्म के भक्त हैं? नीतीश कुमार ने ज़ाफ़रानी पार्टी से कहा कि मसला अयोध्या पर अपने मौजूदा मौक़िफ़ की वज़ाहत करें और इल्ज़ाम आइद किया कि बी जे पी और आर एस एस को सिर्फ़ लार्ड राम के नाम पर अवाम के जज़बात से खिलवाड़ में दिलचस्पी है।

जे डी (यू) के सीनियर लीडर नीतीश कुमार ने कहा कि ये फ़ैसला हुआ है कि अयोध्या मसले को या तो अदालती हुक्मनामे के ज़रिये हल किया जा सकता है या फिर दोनों बिरादरीयों में बाहमी मुआहिदा हो जाएगी।