अयोध्या, 03 अप्रेल: यूं तो दुसहरा के त्योहार से पहले दस रोज़ तक शुमाली हिन्दुस्तान के मुख़्तलिफ़ शहरों में राम लीला रचाई जाती है जहां रामायन में दर्ज वाक़ियात को ड्रामे की शक्ल में पेश किया जाता है। अयोध्या में गुज़िश्ता कई साल से राम लीला का बिलानागा एहतिमाम किया जा रहा था जहां शाम होते ही लोग जौक़ दरजोक़ इस से महज़ूज़ होने आजाते थे,लेकिन गुज़िश्ता नौ साल से जारी ये राम लीला अब सिर्फ़ इस लिए रोक दी गई है कि हुकूमत उत्तर प्रदेश ने इसे जारी रखने के लिए दरकार फ़ंड फ़राहम नहीं किया है।
एक ओहदेदार ने बताया कि अयोध्या रिसर्च इंस्टीटियूट (ARI) की जानिब से राम लीला का एहतिमाम किया जाता था। ARI उत्तर प्रदेश के महिकमा सक़ाफ़्त की एक ख़ुदमुख़तार मजलिस है। उन्होंने कहा कि राम लीला को चलाने के लिए दरकार फ़ंड चूँकि दस्तियाब नहीं है लिहाज़ा हमारे पास उस को मस्दूद करदेने के सिवाए कोई और मुतबादिल नहीं है। अवाम को मतला करने के लिए भी नोटिस चस्पाँ की गई है। ARI के डायरेक्टर वाई पी सिंह ने कहा कि लोग हर शाम को राम लीला से महज़ूज़ होने के लिए आया करते थे लिहाज़ा उन्हें मतला करना ज़रूरी था।