कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी जयेन्द्र सरस्वती बुधवार को चिरनिद्रा में सो गए। 83 वर्षीय जयेंद्र सरस्वती एक समय अयोध्या मामले के हल के लिए काफी सक्रिय थे, और उनका दावा था कि इस मसले का हल निकालने के काफी करीब पहुंच गए थे।
माना जाता है कि पिछली एनडीए सरकार के समय शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को अटल बिहारी वाजपेयी का समर्थन हासिल था। इस संबंध में स्वयं जयेंद्र सरस्वती ने साल 2010 में ये दावा किया था कि वाजपेयी के नेतृत्व वाली तत्कालीन राजग सरकार अयोध्या विवाद के समाधान के बिल्कुल करीब पहुंच गई थी और इस उद्देश्य से एक कानून भी बनाने वाली थी।
हालांकि ये संयोग ही है कि ऑर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्रीश्री रविशंकर मौजूदा समय में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में अयोध्या मामले के हल के लिए कोर्ट के बाहर समझौते की खातिर प्रयास कर रहे हैं।
जयेंद्र सरस्वती ने 2010 में दावा किया था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों से समुचित सलाह-मशविरे के बाद तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने वर्ष 2002 में कानून बनाकर अयोध्या विवाद के समाधान का रास्ता निकाल लिया था।’
शंकराचार्य के मुताबिक वाजपेयी ने इस सम्बन्ध में राष्ट्रपति से भी मुलाकात की थी और संसद में कानून बनाकर समस्या के समाधान के लिये वक्तव्य देने का रास्ता साफ हो गया था।
यह बताते हुए कि अयोध्या विवाद के हल में तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।