दो महीने तक चले सियासी संकट के बाद बागी कांग्रेस नेता कालिखाओ पुल ने अरुणाचल प्रदेश के सीएम के रूप में शपथ ली। हाई कोर्ट ने सूबे में सरकार गठन का रास्ता साफ कर दिया था और सूबे से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया था। साबिक मुख्यमंत्री नबाम तुकी के नेतृत्व के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले पुल को राज्यपाल के पी राजखोवा ने राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
48 वर्षीय पुल ऐसी हुकूमत के मुखिया हैं जिसे 19 बागी कांग्रेस विधायकों का समर्थन और बाहर से 11 बीजेपी विधायकों और दो निर्दलियों का समर्थन हासिल है जो सूबे की 60 सदस्यीय विधानसभा में सरकार का हिस्सा हो सकते हैं तुकी को 26 कांग्रेसी विधायकों का समर्थन हासिल है, शपथ ग्रहण के बाद पुल ने मीडिया को बताया कि वह उनका समर्थन करने वाले विधायकों से सलाह मशविरा करने के बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई तारीख नहीं बतायी।
ऐसी अटकलों का बाजार गर्म है कि नयी हुकूमत सीमावर्ती राज्य में ताजा चुनावों का रास्ता साफ करने के लिए विधानसभा को भंग कर सकती है। इससे पहले हाई कोर्ट ने सरकार गठन का रास्ता साफ कर दिया जिसके बाद सूबे से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति शासन हटाने की केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश पर अपनी मंजूरी की मोहर लगा दी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने दिल्ली में यह जानकारी दी।