सदर जम्हूरिया परनब मुखर्जी ने अरूणाचल प्रदेश पर हिंदुस्तानी इक़तिदार-ए-आला का बचाव करते हुए कहा कि ये रियासत मुल्क का एक अहम तरीन और अटूट हिस्सा है।
वाज़िह रहे कि चयन भी इस रियासत के कुछ हिस्सों पर अपना दावा किया करता है। सदर हिंद ने अपने इन ख्यालौ में जो बीजिंग में बड़ी दिलचस्पी के साथ पढ़े जाऐंगे, कहा कि अब इस हिस्सा को दूरदराज़ का इलाक़ा नहीं समझा जा सकता। अरूणाचल प्रदेश असेंबली के इजलास से ख़िताब करते हुए सदर मुखर्जी ने कहा कि मर्कज़ और रियासती हुकूमत को चाहिए कि इस रियासत से मज़ीद मरबूत करने केलिए इनफ़रास्ट्रक्चर की तेज़ रफ़्तार तामीर के मक़सद से मिल कर काम करें और अरूणाचल प्रदेश के अवाम-ओ-रियासती हुक्काम भी इस काम में मुम्किना मदद करे।
उन्होंने कहा कि मुल्क की ताज़ा पालिसी मशरिक़ की सिम्त देखो में अरूणाचल प्रदेश का अहम किरदार है। चीन ने अरूणाचल प्रदेश पर हिंदुस्तानी इक़तिदार-ए-आला के बारे में तनाज़ा पैदा करते हुए हाल ही में इस पर अपना दावा बताने केलिए रियासत से ताल्लुक़ रखने वाले शहरियों के वीज़े हिंदुस्तानी पासपोर्ट पर सबूत करने के बजाय अपने औराक़ पर जारी करते हुए मुंसलिक किया था लेकिन हालिया चंद सालों के दौरान वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और अब सदर परनब मुखर्जी के इन दौरों को हिंदुस्तान की जानिब से चीन को ये वाज़िह पैग़ाम देने की एक कोशिश की नज़र से देखा जा रहा है कि ये रियासत हिंदुस्तान का एक अटूट हिस्सा है।
सदर हिंद ने कहा कि हमारे मुल्क के अपने जुनूबी व मश्रिक़ी एशियाई पड़ोसियों के इलावा सारे मशरिक़ी एशिया के साथ देरीना बनाव हैं। उन्होंने कहा कि हमारा शुमाल मशरिक़ी इलाक़ा, जुनूब मशरिक़ी एशिया और हमारे मुल्क के माबैन क़ुदरती पुल की एहमियत रखता है। उन्होंने कहा कि मशरिक़ी की सिम्त देखो पालिसी का बुनियादी फ़लसफ़ा भी यही है कि हिंदुस्तान को एशियाई और आलमी साझीदारों से साझीदारों के साथ राबतों के ज़रिया अपना मुक़द्दर तलाश किया जाये।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान अपने तमाम पड़ोसियों को तरक़्क़ी में साझेदार बनाना चाहता है। परनब मुखर्जी ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश क्योंकि तीन ममालिक के साथ सरहदें रखता है चुनांचे सरहदी इलाक़ों की तरक़्क़ी इंतिहाई एहमियत की हामिल है और हमारी ग़ैरमामूली तवज्जो की ओर है।
उन्होंने अरूणाचल प्रदेश को सरसब्ज़-ओ-शादाब बनाने केलिए शजरकारी का ख़ुसूसियत के साथ हवाला दिया और कहा कि सारे शुमाल मशरिक़ी हिंदुस्तान में ये 82 फ़ीसद सदाबहार सरसब्ज़-ओ-शादाब जंगलात के साथ सब से बड़ी रियासत है। इस रियासत में 26 बड़े और 110 ज़िमनी क़बाइल आबाद हैं जो मुख़्तलिफ़ बोल चाल रखते हैं।
इसके साथ ही ये रियासत मुल्क भर में इलाके के तनासुब के एतबार से सब से कम आबादी वाली रियासत है जहां एक मुरब्बा किलो मीटर पर औसतन सिर्फ़ 17 अफ़राद रहते हैं। हिंदुस्तानी तहज़ीब में अरूणाचल प्रदेश की एहमियत का हवाला देते हुए सदर मुखर्जी ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश का हवाला महारत भारत और हिंदू धर्म पुराणों में मिलता है और ये भी समझा जाता है कि महाऋषि पर शिवराम के पापों का पराइसचित भी यहीं हुआ था (गुनाहों से नजात मिली थी) संत-ओ-साधू वयासा ने यहां तपस्या की थी, राजा भशमका ने यहां अपनी सलतनत क़ायम की थी और लार्ड कृष्णा ने यहां रुक्मिणी से शादी की थी।