इन्कम टैक्स छापे में श्री अलंकार ज्वेलर्स के पास तकरीबन 20 करोड़ रुपये की गैर एलानिया जायदाद होने की जानकारी मिली है। दुकान के स्टॉक में भी 15 करोड़ रुपये से ज़्यादा का अंतर पाया गया है। साथ ही इस कारोबारी की तरफ से ऐसे सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल की जानकारी मिली, जिसमें दर्ज डाटा को कॉपी करते ही असल डाटा खुद मिट जाता है। इन्कम टैक्स अफसर ग्रुप के मालिक सुशील गुप्ता से पूछताछ कर रहे हैं।
इन्कम टैक्स महकमा की तहक़ीक़ात शाख की तरफ से गयी छापामारी में श्री अलंकार ज्वेलर्स के कारोबार से मुतल्लिक़ असली और नकली हिसाब किताब से जुड़े दस्तावेज जब्त किये गये हैं। इस कारोबारी की तरफ से नकली हिसाब किताब का तफ़सीलात इन्कम टैक्स महकमा के लिए तैयार किया जाता था। असली हिसाब किताब का तफ़सीलात अपनी असल आमदनी की जानकारी के लिए तैयार किया जाता था। इस कारोबारी की तरफ से एक अनोखे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।
इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर भरे गये खरीद फरोख्त के तफ़सीलात को पेन-ड्राइव में कॉपी करते ही असल कंप्यूटर में दर्ज हिसाब किताब का डाटा खुद मिट जाता है। इसके बाद इस डाटा में रद्दोबदल कर फिर से दुकान के असल कंप्यूटर में डाल दिया जाता। सरमायाकारी से मुतल्लिक़ दस्तावेज की पड़ताल में गैर मनकूला जायदाद की कीमत कम दिखाये जाने की जानकारी मिली है। लालपुर में पेंटालून के पास खरीदे गये मकान की कीमत महज़ 40 लाख रुपये दिखायी गयी है, जबकि इसकी असल कीमत ज़्यादा है। इसी तरह दूसरी गैर मनकूला जायदाद की फरोख्त में कीमत कम बतायी गयी है। इस कारोबारी की तरफ से लैंडरोवर और बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है।