अलाहिदा रियासत तेलंगाना की तश्कील पर मरकज़ी हुकूमत के फैसले में अभी और देरी के इम्कान है। वज़ारत ए दाखिला ने अब तक कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है। बताया जा रहा है कि इसमें अभी और वक्त लग सकता है। दूसरी ओर, रियासत के बंटवारे के खिलाफ तहरीक कर रहे सरकारी मुलाज़्मीन की हड़ताल खत्म कराने की कोशिशें नाकाम हो गई हैं। सरकार और एहतिजाजियों के बीच मुज़ाकरात नाकाम होने के बाद मुसीबत जस का तस बरकरार है।
बताते हैं कि वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिंदे ने कैबिनेट के सामने पेश किए जाने वाले मसौदे को अभी हरी झंडी नहीं दिखाई है। वह वज़ीर ए दिफा ( Defence Minister) एके एंटनी की सदारत वाली आली सतही की कमेटी की सिफारिशों का इंतेजार कर रहे हैं। यह कमेटी आंध्र प्रदेश के दोनों पार्टियों से मशवरा कर रही है।
माना जा रहा है कि वज़ीर ए दाखिला मसौदे को कांग्रेस सदर सोनिया गांधी और वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह के सामने भी रखेंगे। यहां से मंजूरी के बाद इसे वज़ारत ए कानून के पास भेजा जाएगा। वज़ारत ए कानून से हरी झंडी मिलने पर ही इसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। इसके बाद ही नए रियासत की तश्कील की तजवीज आंध्र प्रदेश विधान सभा को भेजा जाएगा। सीमांध्र के वुजराओं ने वज़ीर ए दिफा एके एंटनी से लोगों की राय जानने के लिए रियासत का दौरा करने की दरखास्त किये है।
तेलंगाना राष्ट्र समिति [टीआरएस] के सदर के. चंद्रशेखर राव ने मरकज़ी हुकूमत से जल्द से जल्द तेलंगाना की तश्कील करने को कहा है।