नयी दिल्ली: मौलाना आजाद उर्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ज़फर सरेशवाला ने कहा है कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे के मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के साथ कभी संवाद ही कायम नहीं किया।
श्री सरेशवाला ने यूनीवार्ता से कहा,“हम लोगों ने सरकार के साथ संवाद बनाने की जगह यह मान लिया कि सरकार तो मुस्लिमों के खिलाफ टकराव बनाये हुए है। गलती हमारे समुदाय की है कि हमने राष्ट्रीय नेतृत्त्व के साथ कभी भी अपने दृष्टिकोण को पेश ही नहीं किया।”
केंद्र सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बारे में सुप्रीम कोर्ट में कहा है था की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कभी मुस्लिम शैक्षणिक संस्थान था ही नहीं. साथ ही कानून मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ये राय भी दी थी कि वो जामिया मिल्लिया इस्लामिया का अल्पसंख्यक दर्जा भी हटा सकती है.
मोदी सरकार के लिए इस विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक होने का मुद्दा अब एक बड़ा राजनीतिक हथियार बन चुका है.