नई दिल्ली। अल्पसंख्यकों की शिक्षा के अब तक काफी उपेक्षित रहने का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के बेहतर पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान स्थापित किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी तबकों को सस्ती-सुलभ-गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया कराने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया है। अल्पसंख्यक समुदाय शिक्षक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि अध्यापकों की कमी भी एक चिंता का विषय है। केंद्र की सरकार ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं लेकिन राज्यों को भी इसके लिए काम करना होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय अल्पसंख्यकों को बेहतर पारंपरिक एवं आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के पांच शिक्षण संस्थानों की स्थापना करेगा। इसके तहत तकनीकी, मेडिकल, आयुर्वेद, यूनानी सहित विश्वस्तरीय कौशल विकास की शिक्षा देने वाले संस्थान देश भर में स्थापित किये जायेंगे।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि इस संबंध में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जो शिक्षण संस्थानों की रूपरेखा-स्थानों आदि के बारे में चर्चा कर रही है और जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी। हमारी कोशिश होगी कि यह शिक्षण संस्थान 2018 से काम करना शुरू कर दें। इन शिक्षण संस्थानों में 40 फीसदी आरक्षण लड़कियों को दिये जाने का प्रस्ताव है।
नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का पूरा जोर इस बात पर है कि अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ उन्हें विभिन्न कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाये, जिससे की छात्र रोजगार के योग्य बन सकें।