लाहौर, 08 जनवरी:(पीटीआई) हकूमत-ए-पाकिस्तान मुल्क में इंतेख़ाबी इस्लाहात के लिए अल्लामा ताहिर उल-क़ादरी की ज़ेर-ए-क़ियादत लॉंग मार्च को रोकने की कोशिश नहीं करेगी लेकिन इस रैली पर तालिबान के हमले का अंदेशा है। वज़ीर-ए-दाख़िला रहमान मलिक ने आज अल्लामा ताहिर उल-क़ादरी से उनकी रिहायशगाह पर मुलाक़ात के बाद ये बात बताई।
उन्होंने कहा कि वो 4 जनवरी को लाहौर से ईस्लामाबाद निकाली जाने वाली इस रैली को लाहक़ ख़तरात के बारे में आगाह करने के लिए यहां आए हैं । रहमान मलिक ने ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों को बताया कि हुकूमत की तरफ़ से कोई रुकावट नहीं होगी और मुम्किना सहूलीयात फ़राहम की जाएगी ।
उन्होंने बताया कि आम इंतेख़ाबात को मुल्तवी करने का मुतालिबा नहीं किया जा रहा है और ये मावराए दस्तूर भी नहीं है। अल्लामा ताहिर उल-क़ादरी सात साल कैनेडा में क़ियाम के बाद हाल ही में पाकिस्तान वापस हुए हैं।