समाजी कारकुन संदीप पांडे और ख़ानदानी अफ़राद की वज़ीर दाख़िला से नुमाइंदगी
मैग्सेसे ऐवार्ड याफ़ता मुमताज़ समाजी कारकुन सनदीब पांडे ने गांधी हॉस्पिटल पहुंचकर ज़िंदगी और मौत की कश्मकश में मुबतला 23सालों से क़ैद-ओ-बंद की ज़िंदगी गुज़ार रहे साबिक़ा कांस्टेबल अबदुलक़दीर की इयादत करते हुए उन से मुकम्मल हमदर्दी का इज़हार किया उन के हमराह(साथ) एम बी टी कारपोरीटर अमजद उल्लाह ख़ान ख़ुदाई ख़िदमत गुज़ार के सरबराह फ़ैसल ख़ान और दीगर भी मौजूद थे ।अबदुलक़दीर ने इस मौके पर जिन हालात में सत्य पर गोली चलाई इन तमाम(सारे) वाक़ियात को तफ़सीली तौर पर सुनाते हुए रोने लगे और कहाकि जज़बात में उठाए हुए इक़दाम की सज़ा में पूरी करचुका हूँ और क़बूल करता हूँ कि मैंने ग़लती की थी जिस की सज़ा में भुगत चुका हूँ ज़िंदगी के आख़िरी अय्याम में अपने लवाहिक़ीन(परीवार) के साथ गुज़रना चाहता हूँ उन्हों ने मज़ीद कहा कि मैं क़ुदरत के हर फ़ैसले को क़बूल करता हूँ अगर अल्लाह ताला की मर्ज़ी है कि मेरी मौत क़ैद में हो तो वो भी मुझे मंज़ूर है उन्हों ने मुख़्तलिफ़ समाजी मज़हबी वसयासी जमातों की जानिब(तरफ) से उन की रिहाई के लिए की जाने वाली तमाम(पूरी) कोशिशों का इस मौक़ा पर शुक्रिया भी अदा किया ।
बादअज़ां वफ़द की शक्ल में सनदीब पांडे अमजद उल्लाह ख़ान ख़ालिद फ़ैसल ख़ान अबदुलक़दीर की अहलिया(पत्नी) मुहतरमा साबरा बेगम हमशीरा और छोटे भाई ने रियास्ती वज़ीर-ए-दाख़िला के दफ़्तर पहुंच कर सबीता अंदर रेड्डी से मुलाक़ात की और रहम की बुनियादों पर अबदुलक़दीर की रिहाई का मुतालिबा(गुज़रिश) करते हुए एक तहरीरी यादाशत भी पेश की।माबाद मीडीया से बात करते हुए संदीप पांडे ने कहाकि अबदुलक़दीर जो बरसों से क़ैद वबनद की ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं उन की रिहाई मुतासबाना रवैय्या के हामिल पुलिस ओहदेदारों और बेअर करीटस की इजारा दारीयों में कमी का सबब बनेगी उन्होंने कहाकि जब कोई इंसान अपने गुनाह की सज़ा मुकम्मल कर लेता है तो इस की रिहाई ज़रूरी होजाती है जबकि अबदुलक़दीर ने अपनी ग़लती का एतराफ़ करते हुए इस बात का को तस्लीम(खुबूल) करलिया है अपने आली ओहदेदार को गोली मारकर हलाक करने का जो काम उन्होंने किया है वो ग़लत था ।इन हालात में अबदुलक़दीर का सज़ा-ए-की तकमील के बाद भी एतराफ़-ए-जुर्म और पशेमानी उन्हें बेगुनाह क़रार देने के लिए काफ़ी है ।
सनदीब पांडे ने कहाकि सदर जमहूरीया हिंद ने 35अफ़राद की सज़ा-ए-मौत को रहम की बुनियाद पर उम्र क़ैद में तबदील(बदल) करके एक तारीख़ साज़ काम किया है जिस की हम तमाम सताइश करते हैं और हुकूमत अनधरा प्रदेश से भी अबदुलक़दीर की रिहाई के मुताल्लिक़ ऐसे ही तारीख़ साज़ फ़ैसले की उम्मीद करते हैं उन्हों ने रियास्ती वज़ीर-ए-दाख़िला से मुलाक़ात और यादाशत की पेश कुशी के मुताल्लिक़ भी ज़राए इबलाग़ को वाक़िफ़ करवाते हुए कहाकि अबदुलक़दीर के बिशमोल इंसाफ़ के मुंतज़िर मक्का मस्जिद बम धमाकों में माख़ूज़ किए गए बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों को रिहाई के बाद ऐलान करदा मुआवज़ा की अदाई के ताल्लुक़ से भी रियास्ती वज़ीर-ए-दाख़िला से तहरीरी नुमाइंदगी की गई है जिस पर वज़ीर-ए-दाख़िला ने तफ़सीलात से आगाही के बाद हर मुम्किन तआवुन का तीक़न दिया है।