अल्लाह के वलीयों के आस्ताने, राहत‍ ओर‌-सुकून कि जगहें

* बगदल में उर्स तक़ारीब से उल्मा‍ ओर‌-मशाइख़ का बयान‌
बगदल नेक लोगों का जिक्र ईमान‍ ओर‌-अक़ीदे में मज्बुती पैदा करने का एक बेहतरीन ज़रीया है। इस्लामी तालीमात क़ुरान‍ ओ‍र हदीस का सबक अल्लाह के वलियों के नज़रियात से अगर हासिल किया जाय तो ज़िंदगी में कभी गुमराही और दीन से दूरी नहीं होसकती।

इन ख़्यालात का इज़हार उर्स शरीफ़ हज़रत कादरी वली गंज सिवाय बादशाह नागौरी के आस्ताना क़ादरिया में मुनाक़िदा सालाना जलसे के मौके पर उल्मा‍ ओर मशाइख़ मौलाना सय्यद शाह क़ाज़ी आज़म अली सूफ़ी सदर कुल हिंद जमईयतुल‌मशाइख़, मौलाना सय्यद क़बूल पाशाह शतारी मोतमद सदर उलमा ए दक्कन‍ ओर‌-जांनशीन हज़रत कामिल, मौलाना सय्यद अनवार अल्लाह हुसैनी इफ़तिख़ारी जांनशीन हज़रत वतन, मौलाना हाफ़िज़ मुज़फ़्फ़र हुसैन ख़ां कादरी, मौलाना हाफ़िज़ अबद उर्रज़्ज़ाक़ कादरी चिशती, मौलाना मुहम्मद अबदुलहमीद रहमानी चिशती सदर कुल हिंद तंज़ीम इस्लाह मुआशरा, प्रोफ़ैसर मुहम्मद मशाइख़, सी के जाफ़र शरीफ़ साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर, जनाब आरिफ़ नसीम ख़ां वज़ीर औक़ाफ़‍ ओर‌-टेक्सटाइल महाराष्ट्रा, मौलाना हाफ़िज़ ख़्वाजा मुईन उद्दीन वग़ैरा ने ख़ानक़ाही निजाम‌ की एहमीयत पर ज़ोर देते हुए कहा कि भटकी हुई इंसानियत के लिए राहत‍ ओर‌-सुकून आस्तानों से ही हासिल हो सकता है।

अल्लाह वालों ने दीलों को जोड़ना और पैग़ाम मुहब्बत को फेलाने के लिए ख़ुद को वक़्फ़ कर दिया था, जिन की ज़िंदगी ईसार‍ ओर‌-क़ुर्बानी और इख़लास का मंबा थी। सह रोज़ा उर्स शरीफ़‍ ओर‌-जलसा की सरपरस्ती मौलाना शाह ख़लीफ़ा मुहम्मद इदरीस अहमद कादरी सज्जादा नशीन आस्ताना क़ादरिया ने की और तमाम मेहमानों को मुबारकबाद‌ पेश की।

इस तक़रीब में श्रीलंका के गवर्नर मुहम्मद ख़्वाजा मुईन उद्दीन और मौलाना अलीम उद्दीन, टामिलनाडू से मौलाना सय्यद शाह हमीद कादरी , मौलाना सय्यद हैदर वली न‌लनगा के इलावा बंडपा क़ासिम पुर और नसीम पटेल ने भी शिरकत की। जलसे के बाद हबीब अजमेरी‍ ओर‌-हमनवा ने महफ़िल समा में अपना कलाम सुनाया। फ़ातिहा ख़वानी‍ ओर‌-सलाम पर उर्स शरीफ़ की सह रोज़ा तक़ारीब का इख़तताम अमल में आया।