बॉम्बे हाइकोर्ट ने हैदराबाद के रुकने पार्लियामेंट असद उद्दीन ओवैसी को थाने में मुनाक़िद शुदणी एक प्रोग्राम में हिंदू मुस्लिम हम आहंगी पर ख़िताब से बाज़ रखने पुलिस के अहकामात को बरक़रार रखा और कहा कि वो इंतिज़ामी मुआमलात में मुदाख़िलत नहीं करसकती।
जस्टिस एन एच पाटल और जस्टिस वि एल अचीलया पर मुश्तमिल डीवीझ़न बेंच ने रुकन मेंबर फाउंडेशन अबदुलरवफ़ ख़ान की दायर करदा दरख़ास्त मुस्तर्द करदी।
ये फाउंडेशन 8 फरवरी को प्रोग्राम मुनाक़िद कररहा है। दरख़ास्त में अदालत से पुलिस को ये हिदायत देने की ख़ाहिश की गई थी कि वो असद ओवैसी को ख़िताब करने की इजाज़त दे।
जस्टिस पाटल ने कहा कि ये इंतिज़ामीया की ज़िम्मेदारी है। यहां तक कि पुलिस भी यक़ीन के साथ नहीं कह सकती कि हक़ीक़ी सूरते हाल क्या होगी। किसी को ये अंदाज़ा नहीं होता कि पुरअमन हुजूम कब तशद्दुद पर आमादा होजाए। ये सारे मुआमलात इंतेज़ामी दाइरा-ए-कार में आते हैं और हम इस में मुदाख़िलत नहीं करते।