पंजाब: जिस देश में गौरक्षा के नाम पर मुसलमानों पर गौरक्षक दलों द्वारा अत्याचार किया जाता है उसी देश में दो मुस्लिम युवकों ने खून से लथपथ गाय का जान बचा कर मानवता का परिचय दिया है. यह मामला मलेर कोटला का है, जहां 24 दिसंबर की रात सड़क पर खून से लथपथ पड़ी एक गाय की जान समसुद्दीन चौधरी और उनके दोस्त मुबीन ने बचाया.
जनसत्ता के अनुसार, मलेरकोटला के बिजनेसमैन समसुद्दीन चौधरी अपने दोस्त मुबीन को घर छोड़ने के बाद मॉडल टाउन स्थित अपने घर लौट रहे थे. यहां के अजीत नगर इलाके में उन्होंने एक गाय को जख्मी हालत में देखा, जिसके शरीर से तेजी से खून बह रहा था. वह शायद किसी गाड़ी से टकराकर घायल हो गई थी. उन्होंने अपने दोस्त मुबीन को फोन किया ताकि गाय की मदद की जा सके. चौधरी ने बताया कि हम दोनों ने गाय को बचाने के लिए पुलिस को फोन किया. लेकिन हमें तुरंत जवाब नहीं मिला. इसके बाद मैंने मलेरकोटला के एसडीएम शौकत अहमद पार्रे को फोन किया. एसडीएम ने स्थानीय नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को फोन किया और उसने तुरंत लोगों से लुधियाना बायपास पहुंचने को कहा
इसके बाद हम गाय को एक स्थानीय गौशाला ले गए.
चौधरी के दोस्त मुबीन ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन में 2 घंटे का वक्त लगा. यह सुनिश्चित होने के बाद कि गाय सुरक्षित है, तब ही हम लोग घर गए. आपको बता दें कि गोरक्षक समुदायों का गुंडा गर्दी इतना बढ़ गया है, जिसके डर से पंजाब के मुख्तसर में होने वाली 8वीं राष्ट्रीय पशुधन चैंपियनशिप पर भी खतरे के बादल मंडरा गए थे. कई पशु मालिकों को डर था कि जानवरों को एक जिले से दूसरे जिले तक ले जाते वक्त कहीं गोरक्षक उन पर हमला न कर दें.