अफ़्ग़ानिस्तान की जानिब से पाकिस्तानी कोशिशों की सताइश

अफ़्ग़ान दारुल हुकूमत काबुल में कल पीर 18 जनवरी को पाकिस्तान, अमरीका, चीन और मेज़बान मुल्क के नुमाइंदों ने तालिबान के साथ अमन मुज़ाकरात की बहाली पर ग़ौर किया है।

इस दौरान अफ़्ग़ानिस्तान ने दहशतगर्दी मुख़ालिफ़ पाकिस्तानी कोशिशों को सराहा।”हम माज़ी की तरह एक मरतबा फिर ऐलान करते हैं कि अफ़्ग़ान हुकूमत और अवाम तालिबान के साथ अमन मुज़ाकरात के लिए तैयार हैं, बशर्त के वो अफ़्ग़ानिस्तान के आईन को तस्लीम करें और गुज़िश्ता एक दहाई की पेशरफ़्त और बिलख़सूस ख़वातीन के हुक़ूक़ को नुक़्सान पहुंचाने से गुरेज़ करें, अफ़्ग़ान वज़ीर ख़ारजे सलाह उद्दीन रब्बानी ने इन अलफ़ाज़ के साथ इस मुशावरती अमल का आग़ाज़ किया।

ये क़रीब एक हफ़्ते के अंदर चार मुल्की मुज़ाकरात का दूसरा मरहला है, जिसमें उन पहलूओं पर ग़ौर हुआ कि आख़िर एक दहाई से भी ज़ाइद अर्से से जारी तालिबान बग़ावत का किस तरह पुरअम्न खात्मे मुम्किन बनाया जा सके।

गुज़िश्ता पीर को इस्लामाबाद की मेज़बानी में होने वाले पहले इजलास में जिन नकात पर इत्तिफ़ाक़ हुआ था, उनके मुताबिक़ ऐसे तरग़ीबी इक़दामात को मुम्किन बनाया जाएगा जो तालिबान को अमन की जानिब माइल कर सकें।

इस के साथ साथ ये बात तय पाया कि ग़ैर हक़ीक़ी उम्मीदें बान देने और शराइत रखने से गुरेज़ किया जाएगा जबकि अमन मुख़ालिफ़ अनासिर के ख़िलाफ़ दीगर अमली इक़दामात उठाए जाएंगे।