अफ़्ग़ानिस्तान के शहर जलालाबाद में हिंदुस्तानी क़ौंसलख़ाना को निशाना बनाते हुए किए गए एक इंतिहाई हलाकत ख़ेज़ ख़ुदकुश बम धमाके में कम से कम 12 अफ़राद हलाक और दीगर दर्जनों ज़ख़मी होगए। पाकिस्तानी सरहद से मुत्तसिल इस इलाक़ा में ये धमाका इन इत्तिलाआत के तनाज़ुर में हुआ कि आई एस आई की ताईद याफ़ता हक़्क़ानी नेटवर्क एक बार फिर अफ़्ग़ानिस्तान में हिंदुस्तानी मुफ़ादात को अपने हमलों का निशाना बनाने की साज़िश कररहा है।
क़ौंसलख़ाना की सिम्त बढ़ती हुई तीन कारों में रखा हुआ धमाका ख़ेज़ मवाद अचानक फट पड़ा और तबाहकुन धमाके में बिशमोल 8 बच्चे, 12 अफ़राद हलाक और दीगर 24 से ज़ाइद ज़ख़मी होगए। महलूकीन में बमबार भी शामिल हैं। नई दिल्ली में सरकारी ज़राए ने कहा कि कौंसिल ख़ाने के सिक्युरिटी चेकपोस्ट पर धमाके के नतीजे में एक गहरा गढ़ा बन गया है, ताहम तमाम हिंदुस्तानी महफ़ूज़ हैं।
क़ौंसलख़ाना की इमारत को भी कोई भारी नुक़्सान नहीं पहूँचा। पाकिस्तानी जासूस इदारा आई एस आई के एक ताईद याफ़ता हक़्क़ानी नेटवर्क पर इस हमले का शुबा किया जा रहा है। तालिबान ने इस वाक़िया में मुलव्वस होने की तरदीद की है। काबुल में हिंदुस्तानी सिफ़ारत ख़ाने पर 2008 -ए-और 2009-ए-में दो इंतिहाई तबाहकुन दहश्तगर्द हमले हुए थे जिस में कई अफ़राद फ़ौत हुए थे।
इस हमले के बाद हिन्दुस्तान ने अपना रद्दे अमल ज़ाहिर करते हुए कहा है कि हिन्दुस्तान को अफ्गनिस्तान की मदद करने के अज़्म से रोका नहीं जा सकता।