नई दिल्ली २९ नवंबर ( पी टी आई ) हिंदूस्तान और जापान ने बर्र-ए-आज़म अफ़्रीक़ा की तरक़्क़ी के लिए मुशतर्का इक़दामात के शोबों का जायज़ा लेते हुए कहा कि इस इलाक़ा का एक और मुल्क चीन बर्र-ए-आज़म अफ़्रीक़ा में तेज़ रफ़्तार कार्यवाहीयां कर रहा है ।
दोनों ममालिक ने अफ़्रीक़ी यूनीयन के साथ उन के तआवुन के बारे में तफ़सील से मश्वरा किया और बर्र-ए-आज़म अफ़्रीक़ा को इलाक़ाई मआशी बिरादरीयों में शामिल करने पर ग़ौर किया गया। ये तबादला-ए-ख़्याल हिंद-जापान मुज़ाकरात का अफ़्रीक़ा के मौज़ू पर मुनाक़िदा पर तीसरा तबादला ख़्याल था जो 24 सॆ 25नवंबर टोकीयो में मुनाक़िद किया गया ।
हिंदूस्तानी वफ़द की क़ियादत ऐडीशनल सैक्रेटरी वज़ारत उमोर ख़ारिजा गुरजीत सिंह और जापानी वफ़द की क़ियादत डायरैक्टर जनरल अफ़्रीक़ी उमोर जापानी वज़ारत ख़ारिजी उमोर स्वमेव ओसाका कर रहे थे । ओसाका वज़ीर-ए-आज़म यवशी हीको नोडा के ख़ुसूसी नुमाइंदा बराए अफ़्रीक़ा भी है । मुंतख़ब अफ़्रीक़ी ममालिक के साथ मआशी तआवुन और बाहमी सयासी मुफ़ाद पर मबनी मसाइल बिशमोल अफ़्रीक़ा में इलाक़ाई उमोर चंद मौज़ूआत थे जिन पर दो रोज़ा मुज़ाकरात में ग़ौर किया गया ।
हिंदूस्तान और जापान ने अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती कौंसल में इस्लाहात और इस के अफ़्रीक़ा की इस इलाक़ा में बड़ी सयासी तबदीलीयों पर असरात पर भी तबादला-ए-ख़्याल किया गया । वज़ारत-ए-ख़ारजा का ब्यान जारी किया गया जिस में इस मुज़ाकरात को इंतिहाई मुफ़ीद क़रार दिया गया ।