पटना 21 मई : आंगनबाड़ी सेंटरों की रक़म बढ़ा दी गयी है। हर सेंटर को अब 9,750 रुपये के बदले 16,225 रुपये मिलेंगे। गज़ा की रक़म तकरीबन डेढ़ गुनी ज्यादा मिलेगी।
बढ़ी हुई रक़म फिलहाल 19 अज़ला के सेंटरों को मिलेगी। मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत इसे लागू किया गया है। सेंटरों पर अब बच्चों को यकीनी तौर से सुबह नाश्ते में मौसमी फल या गुड़-चूड़ा या बिस्कुट मिलेंगे। जून से बढ़ी हुई रक़म मिलेगी। हालांकि, टीएचआर की बढ़ी हुई रक़म मई से ही मिलेगी।
गोपालगंज, बक्सर, जहानाबाद, भागलपुर, दरभंगा, मशरिकी चंपारण, जमुई, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, सुपौल, वैशाली और मग्रीबी चंपारण जिलों के तमाम आंगनबाड़ी सेंटरों के ओपरेशन में आसानी होगी। तीन से छह साल तक के 40 बच्चों को आंगनबाड़ी सेंटरों पर हफ्ताह में तीन दिन खिचड़ी, एक दिन पुलाव, एक दिन रसियाव व एक दिन सूजी का हलवा दिया जायेगा। महीने में 25 दिन गरम पका भोजन मिलेगा।
हम्ला को 25 दिनों का खुश्क राशन
छह महीने से तीन साल तक के बच्चे, हम्ला और बच्चे वाली खातून के लिए टीएचआर के तहत हर महीने 25 दिनों के लिए खुश्क राशन दिया जाता है। बढ़ी हुई रक़म का इस्तेमाल एक माह में गरम पका खाना, टीएचआर और सुबह के नाश्ते के साथ ट्रांसपोर्टिंग और ईंधन वगैरह पर होगा। बाकि अज़ला के आंगनबाड़ी सेन्टरों की रक़म भी बाद में बढ़ायी जायेगी।