रियासत की मुअज़्ज़िज़ मुस्लिम शख्सियतों पर मुश्तमिल एक गैर सियासी ग्रुप ने तेलंगाना पर तशकील दिए गए वज़ारती ग्रुप पर ज़ोर दिया है कि आंध्र प्रदेश की तक़सीम और नई रियासत तेलंगाना की तशकील में मुसलमानों को बराबर की हिस्सादारी देने के लिए नुमाइंदगी की है।
इस ग्रुप ने वज़ारती ग्रुप से कहा है के आंध्र और तेलंगाना दोनों ही रियासतों में मुसलमानों को हुक्मरानी में बराबर का हिस्सा उनके हक़ के तौर पर दिया जाये ना कि ख़ैरात के तौर पर।
वज़ारती ग्रुप को एक याददाश्त पेश करते हुए इस ग्रुप ने आंध्र प्रदेश की तक़सीम और तेलंगाना रियासत की तशकील की हिमायत की है और कहा कि मर्कज़ी हुकूमत और कांग्रेस ज़ेर क़ियादत यू पी ए ने एक मुनासिब फैसला किया है।
इन शख्सियतों ने असासाजात की तक़सीम और क़र्ज़-ओइंतेज़ामी ढांचा की तक़सीम का तफ़सीली जायज़ा लेने की हिमायत की है। ग्रुप ने ताहम कहा कि वज़ारती ग्रुप को इस बात को यक़ीनी बनाना चाहीए कि मुसलमानों से ना सिर्फ़ इंसाफ़ किया जाना चाहीए बल्कि इस तरह से किया जाना चाहीए कि सब उस को महसूस करें।
इस ग्रुप ने वज़ारती ग्रुप से कहा कि इस बात को यक़ीनी बनाया जाये कि मुस्लिम बिरादरी को भी तक़सीम के अमल में शामिल किया जाये। मुअज़्ज़िज़ शख्सियतों की तरफ से वज़ारती ग्रुप को पेश करदा याददाश्त में कहा गया है कि मुसलमानों को इन तमाम कमेटियों और ग्रुपस में शामिल किया जाना चाहीए जो असासा जात की तक़सीम और अदायगीयों का यकीन करने और इंतेज़ामी ढांचा के लिए दोनों रियासतों आंध्र प्रदेश और नई रियासत तेलंगाना में तशकील दी जा रही हैं ताकि इस बात को यक़ीनी बनाया जा सके कि मुसलमानों के मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ हो।
नुमाइंदगी में कहा गया है कि अदालती तक़र्रुत नामज़द ओहदों और विज़ारती कौंसिल में मुसलमानों को उनकी आबादी के एतेबार से नुमाइंदगी मिलनी चाहीए और नई हुकूमतों में उनकी नुमाइंदगी और तक़र्रुत होने चाहिऐं।