आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को अच्छे हमसाया की तरह रहने का मश्वरह

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दरमयान कशीदगियों की पेशे नज़र सदर जमहूरीया परनब मुख‌र्जी ने दोनों रियासतों को मश्वरह दिया कि वो एक दूसरे के साथ अमन से रहें।

दोनों रियासतों को दोस्ताना माहौल में रहना होगा। मसाइल हर जगह होते हैं ख़ासकर नए मुक़ाम पर मसाइल पैदा होना यक़ीनी है। तेलंगाना में भी नई रियासत के बाइस मसाइल पाए जाते हैं। सरपरस्त रियासत से अलाहिदा होकर इस नई रियासत को कई काम अंजाम देने हैं।

दो पड़ोसी रियासतों को बाहमी तौर पर ख़ुशगवार ताल्लुक़ात को फ़रोग़ देते हुए तरक़्क़ी हासिल करनी चाहीए। इस बात की निशानदेही करते हुए कि हैदराबाद ना सिर्फ़ इस ख़ित्ता के लिए अहम है बल्कि पूरे मुल्क के लिए ये शहर एहमीयत का हामिल है।

क्युंकि यहां पर इन्फ़ार्मेशन टेक्नोलोजी जैसे इदारा तेज़ी से तरक़्क़ी कर रहे हैं। दोनों रियासतों को भाई चारगी के साथ रह कर क़ौमी तरक़्क़ी में हिस्सा लेना चाहीए।

में इन दोनों रियासतों को मश्वरह देना चाहता हूँके हमारे अंदरूनी ताल्लुक़ात से सबक़ हासिल करें और हमारे बैरूनी ताल्लुक़ात से भी दरस लें क्युंकि हम अपने पसंदीदा दोस्त चुनाव करसकते हैं लेकिन हमारे पड़ोसीयों को मुंतख़ब नहीं करसकते। हमारे पड़ोसी वहां मुक़ाम हैं जहां वो रहना चाहते हैं। हम ने उनकी क़दर करनी चाहीए या नहीं , लेकिन हमारा ये काम हैके हम फ़ैसला करते हुए पुरअमन तरीक़ा से अपने हमसाया के साथ रहें। लिहाज़ा में तमाम मुताल्लिक़ा क़ाइदीन से अपील करता हूँ के वो तेलंगाना की हक़ीक़त को तस्लीम करलीं और भाई चारगी से रहे।