आंध्र प्रदेश की तक्सीम के बाद हालात से निपटने के लिए कांग्रेस में अब सलाह व मशवरा तेज हो गया है । वज़ीर ए आला किरण कुमार रेड्डी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस इस मुश्किल में है कि रियासत में सदर राज लागू किया जाए या किसी नए वज़ीर ए आला का मुंतखब करे या फिर दो रियासतों के लिये दो सीएम के लिए कुछ दिनों का इंतजार करे।
कांग्रेस सदर सोनिया गांधी ने कैबिनेट के मेम्बरो- कन्ना लक्ष्मीनारायण और उत्तम कुमार रेड्डी के साथ हफ्ते के रोज़ बैठक की, जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना इलाके से आते हैं। कन्ना का नाम कुछ महीनों से किरण कुमार रेड्डी के जांनशीन के तौर पर भी सुर्खियों में है।
किरण रेड्डी ने रियासत की तक्सीम के फैसले के खिलाफ पार्टी की कियादत से बगावत कर दी जबकि ज़रआत के वज़ीर कन्ना ने लीडरशिप से बगावत नहीं की है और उन्होंने कुछ हफ्ते पहले कुछ मरकज़ी वुजराओं से मुलाकात की थी। दूसरी ओर उत्तम रेड्डी पार्टी के वफादार और निर्विवादित चेहरा माने जाते हैं। सोनिया ने शुक्रवार को प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों डी श्रीनिवास और मंत्री गीता रेड्डी के साथ बैठकें की थी, दोनों का ताल्लुक तेलंगाना इलाके से है।
माना जा रहा है कि पार्टी कियादत दोनों रियासतों के लिए अलग अलग सदूर की तकर्रुरी के साथ दिगर आप्शनो पर गौर कर रही है। पार्टी की कियादत गैर मुंकसिम रियासत के लिए सीमांध्र के किसी लीडर का नाम वज़ीर ए आला के तौर पर तय करने के लिए तेलंगाना के लीडरों को यकीन में लेने की कोशिश कर रही है। पार्टी ज़राये का कहना है कि कियादत रियासत के आफीशियली तौर पर तश्कील/ कायम हो जाने का भी इंतेजार कर रही है।
हालांकि किरण रेड्डी ने भी गवर्नर को यह पैगाम दे दिया है कि वह बतौर निगरान वज़ीर ए आला नहीं बनना चाहते। ज़राये के मुताबिक, कियादत दोनों इलाको के अलग-अलग पार्टी चीफ की तकर्रुरी के अच्छे और बुरे फरीक के बारे में गौर कर रही है। तेलंगाना के लीडर जहां अलग-अलग रियासतों में इलेक्शन की मांग कर रहे हैं, मरकज़ की कियादत भी शायद इस आप्शन को ही चुनेगी |