नेपाल के आलावा शुमाल-ओ-मशरिक़ी हिंद के कई हिस्से 7.3 शिद्दत के ज़लज़ले से दहल गए जिस के असर से आंध्र प्रदेश के कई इलाक़ों में ज़लज़ले के हल्के झटके महसूस किए गए। सूनामी के बारे में इबतेदाई तौर पर ख़बरदार करने वाले हिंदुस्तानी मर्कज़ और हिंदुस्तानी मर्कज़ बराए बहरी मालूमाती ख़िदमात ने कहा हैके हिंदुस्तान को सूनामी का कोई ख़तरा लाहक़ नहीं है।
सूनामी वार्निंग सेंटर ने अपने एक बुलेटिन में कहा कि चंद रियासतों , आसाम , बिहार , छत्तीसगढ़ , दिल्ली , झारखंड , मग़रिबी बंगाल और आंध्र प्रदेश में ज़लज़ले के झटके महसूस किए गए। इस ज़लज़ले का मब्दा नेपाल में था।
ज़लज़लों और सूनामी की तारीख़ी तफ़सीलात की बुनियाद पर इदारा ने कहा कि हिंदुस्तान को सूनामी का कोई ख़तरा लाहक़ नहीं है। इस मर्कज़ ने ज़लज़ला की नौईयत के तजज़िया पर ये ख़बर दी है। नेपाल में 25 अप्रैल को तबाहकुन ज़लज़ला हुआ था जिस में 800 से ज़ाइद अफ़राद हलाक और सैंकड़ों इमारतें मुनहदिम होगई थीं, जिस के तीन हफ़्तों से भी कम मुद्दत में दूसरे ताक़तवर ज़लज़ले ने नेपाल के अलावा शुमाली-ओ-मशरिक़ी हिंद के कई इलाक़ों को दहला दिया है।