रांची : कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत रियासत भर में खोले जाने वाले आईटीआई के लिए हुकूमत कंपनियों को 30 साल की लीज पर जमीन देगी। हुकूमत की इजाजत से लीज की तौसिह किया जा सकेगा। यह फैसला मंगल को काबीना की इजलास में लिया गया। इसमें मुश्तरका अदारों के साथ मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट के ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई।
काबीना के अपर चीफ़ सेक्रेटरी एनएन पांडेय ने बताया कि इजलास में कुल 12 तजवीज पर मुहर लगाई गई। उन्होंने कहा कि आईटीआई के लिए दी गई जमीन पर इजाफा तामीर सरकार की मंजूरी से ही की जा सकेगी। तामीर इंफ्रास्ट्रूक्चर पर हुकूमत का हक़ होगा, जबकि अदारों की क़याम की जिम्मेवारी प्राइवेट शोबे के कंपनियों की हाेगी। अदारों के चलाने के लिए एक मैनेज कमेटी की होगी, जिसमें हुकूमत और प्राइवेट कंपनियाँ के नुमाइंदे होंगे।
वर्किंग कल्चर तेज़ करने के लिए सरकार हर महकमा में प्रोफेशनल्स को कॉन्ट्रैक्ट पर मुशीर की तकर्रुरी करेगी। इनकी तकर्रुरी के लिए आला सतही सलेक्शन कमेटी की तशकील होगा। चीफ़ सेक्रेटरी इसके सदर होंगे। मेंबरों में देवलोपमेंट कमिश्नर, प्रोजेक्ट महकमा के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी, लेबर सेक्रेटरी व मुतल्लिक़ महकमा के सेक्रेटरी शामिल होंगे। इसके अलावा सरकार ने गुजिशता काबीना में मंजूर उस तजवीज को वापस ले लिया है, जिसमें डीजल पर वैट की शरह बढ़ा दी गई थी। अब डीजल पुरानी शरह पर ही मिलेगा।