आई ए एस ओहदेदारों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने आज अम्मार प्रापर्टीज़ अस्क़ाम और कड़पा के रुकन पार्ल्यमंट वाई एस जगन मोहन रेड्डी की गैरकानूनी सरमाया कारी मुक़द्दमा में मुबयना तौर पर शमिल आई ए एस ओहदेदारों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की इजाज़त से मुताल्लिक़ ज़ेर अलतवा फाईल पर फैसला करने सेंट्रल वेजलनस कमीशन को 31 अक्तूबर तक मोहलत दी है।

चीफ जस्टिस कल्याण ज्योति सेनगुप्ता और जस्टिस के सी भानू पर मुश्तमिल डे वीज़न बंच ने बद उनवान ओहदेदारों के ख़िलाफ़ क़ानूनी चाराजोई की इजाज़त देने में ताख़ीर को चैलेंज करते हुए सी कुटुम्बा राव‌ साकन हैदराबाद की दाख़िल करदा मफ़ाद-ए-आम्मा की दरख़ास्त से निमटते हुए ये मोहलत दी।

दरख़ास्त गुज़ार ने अदालत को बताया कि सी बी आई ने अम्मार स्क़ाम केस में आई ए एस ओहदेदारों बी पी आचार्य और अल वि सुब्रामणियम के ख़िलाफ़ और वाई एस जगन मोहन की गैरकानूनी सरमाया कारी केस में बी पी आचार्य, जी वेंकट रामी रेड्डी, मनमोहन सिंह और एम सीमोयल के ख़िलाफ़ क़ानूनी चाराजोई के लिए क़ानून इंसिदाद बदउनवानी की दफ़आत के तहत मंज़ूरी देने हुकूमत से दरख़ास्त की थी।