आई ऐस आई का मेजर बन कर लौटने वाला मुल्ज़िम गिरफ़्तार

आई ऐस आई का जाली मेजर बन कर लोगों को लौटने वाला मुल्ज़िम (आरोपी) हसन अब्दुल पुलिस के हाथों ड्रामाई तौर पर गिरफ़्तार सौ तोले से ज़ाइद ( ज्यादा) सोना लूटने का एतराफ़ (इकरार), वारदातें रावलपिंडी, अटक, हसन अब्दुल, हज़ारो और दीगर ( दूसरे) शहरों में की गईं।

ये तफ़सीलात (जानकारी) ए एस पी हसन अब्दुल नदीम शहज़ाद बुख़ारी ने एक हंगामी प्रेस ब्रीफिंग में सहाफ़ीयों को बताएं। ए एस पी ने बताया कि तहसील हसन अब्दुल के गावं फ़तह उल्लाह के अदील नामी इमाम मस्जिद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसे एक आई एस आई के मेजर ने उसे चोरी में मुलव्वस होने के शुबा में गिरफ़्तार करने के बाद इस के घर से सोना लेकर रावलपिंडी में एक सर्राफ की दुकान पर उसे छोड़कर ग़ायब हो गया पुलिस ने शक की बिना पर मज़कूरा हुल्या के शख़्स को तलाश करना शुरू किया जिसकी निगरानी ए एस पी ख़ुद कर रहे थे और बुरहान चौकी के इंचार्ज मुहम्मद इर्फ़ान और इलियट फ़ोर्स के जवानों ने मुल्ज़िम के गर्द घेरा तंग किया और चंद दिन तक भेस बदल कर निगरानी करते रहे बिलआख़िर वो मुल्ज़िम की रिहायश गाह ढोक मुंशी रावलपिंडी पर जा पहुंचे जहां मुल्ज़िम ने पनाह ली हुई थी मुल्ज़िम की गिरफ़्तारी के बाद मालूम हुआ कि मुल्ज़िम का नाम सज्जाद हुसैन शाह है और वो कई शहरों में वारदातें कर चुका है मुल्ज़िम ने इन्किशाफ़ (कुबूल) किया कि इस ने पैंतालीस तोले सोना हज़रो के डाक्टर शौकत से हासिल किया और उसे ये तास्सुर दिया कि वो लाहौर में खुदकुश धमाके में मुलव्वस ( मिला हुआ) है और किसी फ़ौजी ब्रीगेडीयर के घर से सोना चोरी की छानबीन भी करनी है सोना हथियाने के बाद मुल्ज़िम ग़ायब हो गया जिस पर मज़कूरा डाक्टर को दिल का दौरा पड़ा।

ए एस पी ने बताया कि मुल्ज़िम ( आरोपी) इतना शातिर और चालाक तरीन शख़्स है कि वो एक रिटायर्ड कर्नल को भी अपनी बातों से इतना धोका दिया कि वो भी इसकी असलीयत ना जान सके और उन्हें ब्रेन हैम्ब्रेज हो गया इसी तरह डाक्टर सलीम अख़तर से सोलह तोले सोना लेकर रफ्फू चक्कर हो गया मुल्ज़िम का टार्गेट उलमा ए इकराम, असातिज़ा और डाक्टर हज़रात ख़ुसूसी तौर पर रहे हैं वो उन्हें दहशतगर्दी की वारदातों में मुलव्वस (मिला हुआ) क़रार दे कर उन्हें लूटा करता था।

नदीम शहज़ाद ने मज़ीद (इसके इलावा) कहा कि अगर अब भी मुल्ज़िम की गिरफ़्तारी अमल में ना आती तो वो किसी बड़े टार्गेट बैंक वग़ैरा को लूट सकता था क्योंकि वो मुकम्मल तौर पर जदीद ( नये) इलेक्ट्रॉनिक आलात (उपकरण/हथियार) से लैस था और इस के घर से कई अहम चीज़ें बरामद हुई हैं जो उमोमन ( अक़्सर) सिक्योरिटी एजेंसीज़ के इस्तेमाल में होती हैं।