आजमीने हज का आखिरी जत्था बुध को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से जेद्दा के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे में 236 लोग हज पर गये। इनमें से 127 मर्द और 109 ख़वातीन शामिल हैं। जत्थे में दो खादिमुलहुज्जाज और एक बंगाल के भी आजमीने हज गये है।
इस जत्थे में मशरिकी मगरीबी सिंहभूम, साहेबगंज, सरायकेला समेत दीगर अजला के लोग शामिल थे। ये तमाम लोग सुबह छह बजे के बाद से ही हज टर्मिनल पहुंचने लगे थे। सरफराज अहमद ने कहा कि जहाज दिन के 10.12 बजे जेद्दा के लिए उड़ा और शाम 4.12 बजे जेद्दा पहुंचा। मंगल तक गये तमाम आजमीने हज ने उमरा पूरा कर लिया है। आखिरी जत्थे को एमपी सुबोधकांत सहाय, सदर शरीक वज़ीर हाजी हुसैन अंसारी समेत दीगर लोगों ने विदा किया।
उन्होंने कहा कि वे आजमीने हज को और बेहतर से बेहतर सहूलत फराहम करायेंगे। उन्होंने आजमीने हज की खिदमत में लगे कारकुनों को आजमीने हज की वापसी के बाद इहतेजाज करने की बात कही। शहर काजी मौलाना कारी जान मोहम्मद ने दुआ करायी। प्रोग्राम मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने किया। तकरीब में हज कमेटी के रुक्न हाजी जैनुल आबदीन, हाजी शौकत, महमूद आलम, ऐनुल होदा, सरफराज अहमद, सरफराज, मोबीन अंसारी, नकीब, नसीम, रिंकू, अशफाक, खलील, साहब जाफरी, शहबाज,फैज खान,सईद अहमद, अनवर समेत दीगर लोग मौजूद थे।