आजमगढ़ से जुड़े हैं हैदराबाद धमाके के तार

हैदराबाद में सीरियल बम ब्लास्ट के वाकिये की शुरुआती जांच में सेक्युरिटी एजेंसियों के शक की सुई इंडियन मुजाहिदीन के फरार दहशतगर्द आजमगढ़ के तबरेज और उसके साथियों पर जमने लगी है। इसी तरतीब में तबरेज का लिंक ढूंढ़ने और सुराग हासिल करने एटीएस आजमगढ़ पहुंच गई है।

बताया जाता है कि हैदराबाद ब्लास्ट में टाइमर की सेटिंग और धमाका खेज़ माद्दे की आईईडी का इस्तेमाल आजमगढ़ स्टाइल से मिलता-जुलता है। इसी बुनियाद पर सेक्युरिटी एजेंसियां पूर्वांचल से जुड़े दहशतगर्दो की तलाश कर रही है। टीम फरार दहशतगर्दों और उनके स्लीपिंग माड्यूल की इत्तेला हासिल करने में जुट गई है।

आजमगढ़ जिले के गुलामीपुरा के साकिन डॉ. जावेद का बेटा असदुल्ला उर्फ तबरेज दिल्ली में बटला हाउस कांड के बाद अपने साथी जिले के बिलरियागंज नासिरपुर के आरिज खान उर्फ जुनैद के साथ फरार हो गया था। उसने दिल्ली और अहमदाबाद में बम ब्लास्ट करने के बाद अपने दोस्तों के साथ नेपाल में भी पनाह ली थी।

मुल्क की सेक्युरिटी एजेंसियों का दबाव बढ़ने पर वह अपने सात दोस्तों के साथ खाड़ी मुल्क चला गया था।

वहीं, रियाज और यासीन भटकल बिरादरान से उसकी मुलाकात हुई। वहां दहशतगर्द की ट्रेनिंग लेने के बाद वह और उसके साथी बांग्लादेश के रास्ते हिंदुस्तान आते-जाते रहे। कुछ दिनों तक वे पुणे में भी मौजूद थे। यहां भी बम ब्लास्ट की वारदात होने के बाद सभी बांग्लादेश के रास्ते भाग निकले।

आजमगढ़ जिले के बीनापार का रहने वाला मौलवी अबु बशर (साबरमती जेल में बंद) ने दहशतगर्द का पाठ ABC हैदराबाद में ही सीखा था। यहां उसने एक तालीमी इदारे में पढ़ाई की थी। गिरफ्तारी के बाद सेक्युरिटी एजेंसियों के सामने उसने ही इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के नेटवर्क की बाबत खास जानकारियां दी थीं। इसी बुनियाद पर दिल्ली पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था।

सेक्युरिटी एजेंसियों का मानना है कि आईएम जिस तरह की आईईडी और माद्दा का इस्तेमाल करते है, वैसी ही आईईडी हैदराबाद में मिली है। आजमगढ़ और बनारस (वाराणसी) से हैदराबाद का कारोबारी रिश्ता रहा है। हैदराबाद के अंडे आजमगढ़ में बिकते हैं। बनारस में हैदराबाद से ही मछलियां आती हैं।