आज़मीन हज के लिये इमारतों का इंतिख़ाब(सेलेक्शन) , मुआहिदों को क़तईयत

हज 2012-ए-के लिए सऊदी अरब में आज़मीन-ए-हज्ज के क़ियाम के सिलसिला में तमाम सहूलतों से आरास्ता इमारतों का इंतिख़ाब(सेलेक्शन) किया गया है और इस सिलसिला में मुआहिदों को तक़रीबन क़तईयत दे दी(फाइनालाइज कर दी) गई है। मर्कज़ी हुकूमत की जानिब से इमारतों के इंतिख़ाब(सेलेक्शन) के लिए बिल्डिंग सेलेक्शन कमेटी रुकन की हैसियत से सऊदी अरब का दौरा करने वाले डाक्टर एस ए शकूर सेक्रेटरी डायरैक्टर आंधरा प्रदेश उर्दू एकेडेमी ने दौरा से वापसी पर सियासत को बताया कि हिंदूस्तानी आज़मीन का कोटा एक लाख 35 हज़ार है और एक लाख 35 हज़ार 470 यूनिट्स का इंतिख़ाब(सेलेक्शन) किया गया ।

इस तरह 470 यूनिट्स ज़ाइद मुंतख़ब (सेलेक्ट) किए गए ताकि लम्हा आख़िर में ज़ाइद आज़मीन की आमद से उन के क़ियाम(रहने) में दुशवारी ना हो । 21 दिन के दौरा के दौरान डाक्टर एसए शकूर ने पच्चास हज़ार 557 यूनिट्स का इंतिख़ाब(सेलेक्शन) किया जो कि 174इमारतों पर मुहीत है। उन्हों ने बताया कि इस मर्तबा ऐसी इमारतों का इंतिख़ाब(सेलेक्शन) किया गया है जहां आज़मीन के लिए तमाम ज़रूरी सहूलतें दस्तयाब हैं। उन्हों ने कहा कि एक आज़मीन-ए-हज्ज के लिए एक यूनिट शुमार किया जाता है ।पहले यानी ग्रीन ज़मुरा(दरजा) के तहत हरम शरीफ़ से 200 मीटर के इलाक़ा में इमारतों का इंतिख़ाब(सेलेक्शन) किया गया ।

जब कि बाक़ी आज़मीन के लिए अज़ीज़यामैं इमारतें मुंतख़ब (सेलेक्ट) की गई जो कि हरम से तक़रीबन 6 ता 7 किलोमीटर के फ़ासले पर हैं ताहम(फिर भी) इस मर्तबा आमद-ओ-रफ़त (आने जाने)के लिए बसों की माक़ूल सहूलत हासिल रहेगी । उन्हों ने कहा कि कौंसल जनरल जद्दा फ़ैज़ अहमद क़दवाई और कौंसल हज नूर मुहम्मद शेख़ ने इमारतों के इंतिख़ाब(सेलेक्शन) में ख़ुसूसी दिलचस्पी का इज़हार किया और सहूलतों से आरी इमारतों को मुस्तर्द(खारिज) करदिया गया । उन्हों ने कहाकि मर्कज़ी हज कमेटी के चीफ़ ऐगज़ीक्यूटिव ऑफीसर शाकिर हुसैन भी जब मुख़्तसर दौरा पर सऊदी अरब आए थे उन्हों ने भी इमारतों के इंतिख़ाब(सेलेक्शन) के सिलसिला में अपनाए गए तरीका-ए-कार की सताइश की ।

रियास्ती वज़ीर-ए-अक़लीयती बहबूद अहमद उल्लाह ने उमरा के सिलसिला में सऊदी अरब आमद के मौक़ा पर ख़ाहिश की थी आज़मीन के लिए बेहतर से बेहतर सहूलतों को यक़ीनी बनाया जाय। डाक्टर एस ए शकूर ने बताया कि हर इमारत में कम से कम 2 ता 3 लिफ़्ट को यक़ीनी बनाया गया है और एक इमारत में कम से कम 104 और ज़्यादा से ज़्यादा 1200 आज़मीन के क़ियाम की गुंजाइश रहेगी । 30 अफ़राद के लिए एक किचन की सहूलत हासिल रहेगी जब कि 12 अफ़राद के लिए एक बाथरूम और टाइलेट रहेगा । इमारतों को बस स्टाप से 300 मीटर के हदूद में मुंतख़ब (सेलेक्ट) किया गया है ताकि आज़मीन को सहूलत हो ।

उन्हों ने बताया कि ग्रीन ज़मुरा(दरजा) 58,964 और अज़ीज़यामैं 35,349 यूनिट्स के लिए मुआहिदा मुकम्मल हो चुका है । बाक़ी यूनिट्स के लिए मुआहिदे(एग्रीमेंट) आख़िरी मराहिल में है। डाक्टर एसए शकूर बिल्डिंग सेलकशन कमेटी के आख़िरी रुकन थे जिन्हों ने इमारतों के इंतिख़ाब(सेलेक्शन) को क़तईयत दी जबकि उन से क़ब्ल तीन अरकान इसी काम पर सऊदी अरब के दौरा पर आए थे । इमारतों के इंतिख़ाब(सेलेक्शन) में मुकम्मल शफ़्फ़ाफ़ियत से काम लिया गया जिस पर कौंसल जनरल और कौंसल जनरल हज ने इतमीनान का इज़हार किया ।

डाक्टर एस ए शकूर ने यक़ीन ज़ाहिर किया कि हज 2012-ए-के हिंदूस्तानी आज़मीन-ए-हज्ज को मक्का मुअज़्ज़मा में क़ियाम के दौरान इमारतों में किसी तरह की तकालीफ़ का सामना करना नहीं पड़ेगा ।