आज ‘मदर टेरेसा’ को संत की उपाधी दी जाएगी

वेटिकन सिटी में आज एक समारोह के दौरान रोमन कैथोलिक चर्च के पोप फ्रांसिस मदर टेरेसा को संत घोषित करेंगे। इस मौके पर दुनियाभर से आए मदर के एक लाख अनुयायी भी मौजूद होंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में केंद्र सरकार का एक 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, दिल्ली से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में तथा पं. बंगाल से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य स्तरीय दल भी इस कार्यक्रम में शरीक होंगे।

नोबेल पुरस्कार विजेता दिवंगत मदर टेरेसा द्वारा स्थापित मिशिनरी ऑफ चेरिटी की ननों के मुताबिक मदर की लोकप्रियता के कारण रोम में होने वाले इस समारोह का दुनियाभर में विशेष महत्व होगा। कोलकाता के आर्कबिशप थॉमस डीसूजा के अलावा भारत भर से 45 बिशप इस समारोह के लिए वेटिकन में हैं।

पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को संत का दर्जा देने की घोषणा मार्च में की थी। संत का दर्जा पाने के लिए दो चमत्कारों को मान्यता मिलना जरूरी होता है। जितने गरीब और निराश्रित लोगों की मदर टेरेसा ने सेवा की है उनके लिए तो वे जीवित संत थीं।

वेटिकन की दुनिया में भी कई लोगों का यही मानना होगा लेकिन कैथोलिक चर्च की किसी भी शख्सियत को संत घोषित करने की एक आधिकारिक प्रक्रिया है जिसके तहत बड़े पैमाने पर ऐतिहासिक शोध, चमत्कारों की खोज और उसके सबूत का विशेषज्ञों के दल के द्वारा आकलन किया जाता है।

मदर टेरेसा के मामले में इस प्रक्रिया का समापन आज होगा जब पोप फ्रांसीस मदर को चर्च की सबसे नई संत घोषित करेंगे। इसके लिए जिस प्रक्रिया को अपनाया जाएगा, वह इस प्रकार है, संत घोषित करने की प्रक्रिया की शुरूआत उस स्थान से होती है जहां वह रहे या जहां उनका निधन होता है। मदर टेरेसा के मामले में यह जगह है कोलकाता।

प्रॉस्ट्यूलेटर प्रमाण और दस्तावेज जुटाते हैं और संत के दर्जे की सिफारिश करते हुए वेटिकन कांग्रेगेशन तक पहुंचाते हैं। कांग्रेगेशन के विशेषज्ञों के सहमत होने पर इस मामले को पोप तक पहुंचाया जाता है। वे ही उम्मीदवार के ‘नायक जैसे गुणों’ के आधार पर फैसला लेते हैं।

अगर प्रॉस्ट्यूलेटर को लगता है कि उम्मीदवार की प्रार्थना पर कोई रोगी ठीक हुआ है और उसके भले चंगे होने के पीछे कोई चिकित्सीय कारण नहीं मिलता है तो यह मामला कांग्रेगेशन के पास संभावित चमत्कार के तौर पर पहुचाया जाता है जिसे धन्य माने जाने की जरूरत होती है। संत घोषित किए जाने की प्रक्रिया का यह पहला पड़ाव है।