आतंकी कभी कश्मीर नहीं दिला सकेंगे : PAK मीडिया

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के दुनिया में अलग-थलग होते जाने का डर अब इस देश का मीडिया और आम लोग महसूस करने लगे हैं। यहां का मीडिया कह रहा है कि आतंकी कभी पाकिस्तान को कश्मीर नहीं दिला सकते। टेररिज्म का कोई फायदा नहीं होता। भारत डिप्लोमैटिक वर्ल्ड में यह मैसेज भेजने में कामयाब रहा है कि पाकिस्तान नॉन स्टेट एक्टर्स पर एक्शन नहीं लेता। पाकिस्तानी अखबार ‘द नेशन’ ने अपने आर्टिकल में देश के सामने अलग-थलग पड़ते जाने का सवाल उठाया है।

आर्टिकल के मुताबिक, ये तो सोचा भी नहीं जा सकता कि हमारी सरकार सेना को कोई फरमान सुना सकती है। लेकिन, लंबे वक्त बाद ये हुआ। नवाज ने आर्मी से साफ कहा कि आतंकियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए। इतना ही नहीं ये भी कहा कि इसमें इंटेलिजेंस एजेसियां कोई अड़ंगा ना लगाएं। लेकिन कहीं ये उम्मीद बहुत ज्यादा बड़ी तो नहीं है?

आर्टिकल के मुताबिक, आखिर दुनिया क्यों पाकिस्तान के बारे में गलत सोचती है और खुद की बेहतर इमेज पेश करने के लिए और क्या किया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि नॉन स्टेट एक्टर्स के खिलाफ सिलेक्टिव एक्शन क्यों होता है। जनता को भी यही दिखाया जाता है। इस सिलेक्टिव एक्शन की वजह से ही भारत कश्मीर में अपने जुल्मों को छुपा देता है और उसे हमें बदनाम करने का मौका मिल जाता है।

भारत ने सार्क के कई देशों पर दबाव बनाया कि वे नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाली सार्क समिट से हट जाएं। 9 में से पांच देश हट भी गए। समिट को रद्द कर दिया गया। हालांकि, भारत का ये रवैया इंटरनेशनल डिप्लोमैसी के खिलाफ है। लेकिन इस डिप्लोमैटिक तख्तापलट के जिम्मेदार नॉन स्टेट एक्टर्स हैं। इनकी वजह से ही भारत पाकिस्तान को अलग-थलग करने में कामयाब रहा है।

अखबार आगे लिखता है, फौज को सही मायनों में एक्शन लेना होगा। अगर वो आतंकी संगठनों को पूरी तरह खत्म नहीं कर सकती तो कम से कम इतना तो जरूर किया जाना चाहिए कि उनके हथियारों पर कब्जा जमा लिया जाए। इनकी सप्लाई रोक दी जाए।
अगर ये सुधरने को तैयार हैं तो उन्हें मौका दिया जाना चाहिए लेकिन उनकी फंडिंग और हरकतों पर नजर रखनी ही होगी। दुनिया आज एक हो गई है। इसलिए ये मुश्किल है कि आप पुरानी परंपराओं और सोर्सेज के बल पर रहने की कोशिश करें। क्योंकि ये मुमकिन नहीं है। आतंकी संगठन कई बार हेट क्राइम्स को भी अंजाम देते हैं। ये बातें दुनिया तक पहुंचती हैं। देश की तस्वीर और खराब हो जाती है। बाढ़ या दूसरे नेचुरल डिजास्टर के वक्त