आतंकी हमले रोकने में केंद्र सरकार फिसड्डी: संसदीय समिति रिपोर्ट

नई दिल्ली: पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम की अगुवाई वाली सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने कल संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार न तो आतंकी हमले रोकने में नाकाम रही है. समिति ने कहा कि सरकार ने पठानकोट में हुए हमले से भी कुछ सबक नहीं सीखा है. समिति ने गृह मंत्रालय के काम करने के तरीके और पठानकोट हमले की जांच में देरी पर भी सवाल खड़े किए हैं.

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समिति ने 2016 में हुए पठानकोट में हुए हमले पर केंद्र सरकार से पूछा है कि आतंकवादी हमले के बारे में खुफिया एजेंसियों के पास इनपुट होने के बावजूद आखिर इसे रोक ना पाने की क्या वजह रही? आखिर पठानकोट हमले के एक साल बाद भी इसकी जांच क्यों पूरी नहीं हुई है?
समिति ने कई तरह के सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा कि आतंकियों ने एसपी और उसके दोस्त को अगवा करने के बाद कैसे और क्यों छोड़ दिया, पठानकोट में पाक से आए जांच दल को लेकर भी सवाल किए हैं कि पाकिस्तानी जेआइटी को भारत में आने की इजाजत देने से पहले क्या पड़ोसी मुल्क से यह भरोसा लिया कि वो भी बदले में जांच के लिए भारतीय टीम को आने की इजाजत देगा?
जम्मू-कश्मीर में हुए पिछले कुछ समय में हुए आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुरक्षा में खामी बताया है.
गृह मंत्रालय के कामकाम को लेकर सुरक्षा समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि जांच एजेंसियों को नार्को सिंडिकेट, जो पंजाब में सक्रिय है, की भी जांच करनी चाहिए.
समिति का मानना है कि सरकार आतंकवादी हमलों को रोक पाने में नाकामयाब रही है.