आदिवासियों की हालत खराब, हुकूमत बनी तो बाहरी को नौकरी नहीं : वजीरे आला

वजीरे आला हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर झामुमो की हुकूमत बनी तो झारखंड में बाहर के लोगों को नौकरी नहीं मिलेगी। झामुमो ने ऐसी मंसूबा तैयार कर ली है। थर्ड और फ़ोर्थ तबके की नौकरियों पर पहले से ही मुक़ामी लोगों का हक़ है। दीगर मुलाज़िमत में भी इन्हें ही तवज्जो दी जाएगी। हेमंत सोरेन मंगल को दुमका के खिजूरिया वाकेय पार्टी के नायब दफ्तर में मुनक्कीद मिलन तकरीब शरीक घर वापसी प्रोग्राम को खिताब कर रहे थे। इस मौके पर जामा के साबिक़ एमएलए मोहनिल मुर्मू अपने हिमायतों के साथ झामुमो में शामिल हुए। स्टीफन मरांडी के दुमका व मसलिया के काफी हिमायतों ने भी झामुमो का दामन थामा।

हेमंत ने कहा, भाजपा बदुनवान से आज़ाद पार्टी देने का वादा कर रही है। जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा इक्तिदार रियासतों का हाल काफी बुरा है। वहां आदिवासियों की हालत सबसे खराब है। छत्तीसगढ़ में नसबंदी में 15 ख़वातीन की मौत हो गई। इनमें कई आदिवासी खातून थीं। हरियाणा में संत रामपाल को अदालत की हिदायत पर भी गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।

वजीरे आला ने कहा कि मरकज़ी कानून वज़ीर झारखंड में सीएनटी और एसपीटी एक्ट में बदलाव लाकर यहां के आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करना चाहते हैं। ताकि बाहरी कारोबारियों को जमीन मुहैया कराई जा सके। नागपुर के काफी लोग हमारे इलाक़े में घुस आए हैं। वे आवाम को बरगला रहे हैं। झामुमो इन मंसूबों को पूरा नहीं होने देगा।