बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल के मुजस्समे की बुनियाद रखेंगे, हेकिन उससे पहले ली कांग्रेस और बीजेपी में सरदार पटेह की विरासत को लेकर खींच तान शुरू हो गयी है। कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी से पूछा है कि क्या वो सरदार पटेल उस राय पर इत्तेफाक़ करना चाहेंगे, जिसमें उन्होंने कहा था कि आर एस एस पाबंदी लगाना चाहिए।
मर्कजी वजीर मनीष तिवारी ने कहा, ‘9 नवंबर 1948 को सरदार पटेल ने गोलवलकर को एक चिट्ठी लिखी थी। उस चिट्ठी में लिखा था कि आरएसएस ने जिस तरह समाज में फिर्कापरस्ती का जहर घोला है, उसी के नतीजे गांधी जी को शहादत देनी पड़ी। बीजेपी कई दहों से सरदार पटेल की विरासत को हथियाने की कोशिश कर रही है। मैं बहुत अदब से नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि गुजरात के सीएम और एक स्वयंसेवक होने के नाते क्या वे आरएसएस के पर सरदार पटेल के ख्याल से इत्तेफाक रखते हैं।’
मनीष तिवारी ने कहा, ‘तारीख गवाह है कि जिनकी अपनी तारीख नहीं होती वो दूसरों की तारी़ख को हथियाने की कोशिश करते हैं, लेकिन समझदारी इसी में है कि उस तारीख को हथियाने की कोशिश करने से पहले उसे पढ़ लेना चाहिए।’
दूसरी तरफ कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है, ‘सरदार सरोवर बांध में सरदार पटेल के मुजस्समा बनाने के लिए मैं मोदी जी की तारीफ करता हूं. फिर्केवाराना तशद्दुद भड़काने वाले आरएसएस पर बैन लगाने वाले मुल्क के मर्दे आहन का मुजस्समा बनाने का फैसला किया है।.’